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99 साल के इतिहास में पहली महिला ने सँभाला, यह महत्वपूर्ण पद

नयी दिल्ली,  जामिया मिल्लिया इस्लामिया के 99 साल के इतिहास में इसकी पहली महिला कुलपति बनने वाली प्रोफेसर नजमा अख्तर ने कहा है कि उनका सपना अपने कार्यकाल में विश्वविद्यालय में एक चिकित्सा महाविद्यालय स्थापित करने तथा पुराने पाठ्यक्रमों के आधुनिकीकरण के लिए काम करने का है।

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नजमा ने शुक्रवार को जामिया मिलिया इस्लमिया के कुलपति का पदभार ग्रहण किया । देश में चुनाव आचार संहिता लागू होने के कारण निर्वाचन आयोग से हरी झंडी मिलने के बाद एक दिन पहले ही मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने इस पद के लिए उनके नाम की घोषणा की थी । नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ एजुकेशन प्लानिंग एंड एडिमनिस्ट्रेशन से जुड़ी रहीं नजमा के फोकस के प्रमुख क्षेत्र में छात्र क्या चाहते हैं, यह शामिल होगा ।

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नजमा की कार जैसे ही विश्वविद्यालय परिसर में पहुंची, वहां मौजूद लोगों ने वीसी जिंदाबाद के नारे लगा कर उन्हें बधाई दी । जामिया के फैकल्टी लंबे समय से एक मेडिकल कालेज की मांग करते आ रहे हैं। यह मांग उनकी सूची में शामिल है। इसके अलावा विश्वविद्यालय के विकास के लिए कोष की व्यवस्था करना भी उनकी प्राथमिकता में है । उन्होंने कहा, ‘‘आदर्श रूप से,जामिया में एक चिकित्सा महाविद्यालय होना चाहिए और हम इस तरफ बढ़ रहे हैं । हमारे पास पैरामेडिकल और दंत चिकित्सा का पाठ्यक्रम है । यहां आने वाले हर कुलपति कहते रहे हैं कि हम यहां मेडिकल कॉलेज बनवायेंगे लेकिन यह आसान काम नहीं है ।

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उन्होंने कहा, ‘‘अगर हम निजी इकाई होते, तो हम इसे आसानी से कर लेते लेकिन हम निश्चित रूप से इसका प्रयास करेंगे। यह मेरा सपना है कि मेरे कार्यकाल में यहां एक मेडिकल कालेज बने और हम इसे संभालने में सक्षम हैं ।’’नजमा ने कहा, ‘‘मैं डीन, विभागाध्यक्षों, कार्यकारी परिषद एवं शैक्षिक परिषद से बातचीत करूंगी और यह पता करने का प्रयास करूंगी कि कौन सा विभाग किस क्षेत्र में पिछड़ रहा है ।’’
उन्होंने कहा, ‘‘कुछ ऐसे पाठ्यक्रम हैं जिनकी आवश्यकता नहीं है और कुछ ऐसे क्षेत्र हैं जहां हमें उद्योगों की सलाह से नये पाठ्यक्रम की जरूरत है ताकि वह नौकरी का सृजन करने वाला बन सके।’

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कुलपति ने कहा, ‘‘या तो हम उन्हें हटा देंगे अथवा उसमें सुधार करेंगे या उसका आधुनिकीकरण करेंगे। जामिया में नये पाठ्यक्रमों की आवश्यकता है क्योंकि मुझे लगता है कि विभिन्न क्षेत्रों में पुराने पाठ्यक्रम हैं।’’नजमा ने यह भी कहा कि सभी विश्वविद्यालयों में धन की कमी है और वह सुनिश्चित करेंगी कि जामिया को सबसे बेहतर संभावित फंड मिले ।कुलपति ने कहा, ‘‘मैं जो भी जामिया के लिए ले सकती हूं, मैं लूंगी। सभी विश्वविद्यालयों में फंड की कमी है । मैं प्रयास करूंगी और सरकार से धन हासिल करूंगी। अगर हम सही तरीके से सरकार से संपर्क करेंगे तो वित्तपोषण में कोई समस्या नहीं होगी।’’उन्होंने कहा, ‘‘हमें कमाना भी सीखना होगा और यही सरकार भी चाहती है।’’नजमा ने कहा कि विश्वविद्यालय अनुसंधान में पीछे नहीं है।

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उन्होंने कहा कि महिलाओं के आगे बढ़ने में जो अवरोधक है मैं निश्चित तौर पर उसके खिलाफ हूं लेकिन मेरा लक्ष्य इसे तोड़ना नहीं है
सामान्य तौर पर महिलाओं का मानना है कि उन्हें नहीं चुना जाएगा, क्योंकि मैदान में बहुत सारे पुरुष हैं। कुलपति ने कहा, ‘‘प्रशासक बनने के लिए महिलाओं के पास कोई रोल मॉडल नहीं है। लेकिन, अगर आप आगे आती हैं तो इसे अलग तरीके से संभालेंगी और बाद में निश्चित तौर पर लोग उसका अनुसरण करेंगे।’’

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