नई दिल्ली, महिलाओं में असाधारण सहनशीलता और शक्ति होती है इसलिए सामाजिक परिवर्तन में उनकी अहम भूमिका होती है।
यह बात लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कही।
श्री बिरला ने आज यहां वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से फिक्की लेडीज ऑर्गनाइजेशन (फिक्की-एफएलओ) के वार्षिक सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि ‘पावर टू एंपॉवर’ का एफएलओ का नारा कोविड-19 की चुनौती को सफलतापूर्वक पूरा करने के लिए देश के संकल्प का एक उपयुक्त पर्याय है।
उन्होंने कहा कि इस कठिन समय में भारत ने उल्लेखनीय शक्ति दिखाई है और इस महामारी से प्रभावी ढंग से निपटने में सक्षम रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कुशल नेतृत्व में, राष्ट्र समय पर कार्रवाई करने और लोगों की जान बचाने में सक्षम रहा। हालांकि कोविड के खिलाफ युद्ध अभी खत्म नहीं हुआ है और निरंतर सामूहिक कार्रवाई के साथ हम इस बीमारी को हराने में सक्षम होंगे।
श्री बिरला ने कहा कि एफएलओ ने उद्यम और उद्यमिता के माध्यम से महिला सशक्तीकरण के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य किया है। उन्होंने इस तथ्य की सराहना की कि महिला सशक्तीकरण के माध्यम से एफएलओ ने व्यापक परिवर्तन और सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए आगे का रास्ता दिखाया है।
उन्होंने कहा कि डिजिटल तकनीक की मदद से हम दुनिया में विकास और प्रगति हासिल कर सकते हैं। सामाजिक परिवर्तन लाने में महिलाओं की बहुत बड़ी भूमिका है।
श्री बिरला ने कहा कि महिलाओं में असाधारण सहनशीलता और आंतरिक शक्ति होती है और परिवार और राष्ट्र की भलाई के लिए उनका समर्पण अपार है। उन्होंने महिला उद्यमिता को प्रोत्साहित करने के लिए फिक्की एफएलओ को बधाई दी और कहा कि महिला सशक्तिकरण के कारण और ज़रिये राष्ट्रीय विकास के लिए उनका योगदान प्रशंसनीय है।