अयोध्या, अयोध्या में रामजन्मभूमि में भव्य मंदिर के लिये भूमि पूजन से भावविहृल उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि राम मंदिर के लिये पांच सदी तक चली संघर्ष साधना का समाधान अंतत: उच्चतम न्यायालय के फैसले से हुआ और इसके साथ ही दुनिया को भारत की लोकतांत्रिक शक्ति का अहसास हो गया।
श्री योगी ने बुधवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रेरणा और मार्गदर्शन से यह शुभ अवसर सबके सामने है। पूरी दुनिया में भारत की एक सुदृढ़ लोकतांत्रिक राष्ट्र के रूप में पहचान है। प्रधानमंत्री ने दिखा दिया है कि संविधान सम्मत ढंग से समस्याओं का समाधान कैसे किया जा सकता है। उनकी सूझ-बूझ और दूरदर्शिता से यह अवसर प्राप्त हो रहा है।
उन्होने कहा कि इस शुभ घड़ी के लिये 500 वर्षों की एक लम्बी संघर्ष साधना रही है। पांच सदी के बाद आज भारतवासियों का संकल्प पूरा हो रहा है। देश में लोकतांत्रिक तरीकों के साथ ही मन्दिर का निर्माण किया जा रहा है। इस घड़ी की प्रतीक्षा में कई पीढ़ियां गुजर चुकी हैं। पूज्य संतों, अनेक महापुरुषों ने अनेक वीरांगनाओं ने अपना बलिदान दिया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले तीन सालों से अयोध्या में ‘दीपोत्सव’ का आयोजन अयोध्या के साथ जुड़ने का सन्देश देता है। अयोध्या में विकास के कार्य तेजी से हुआ है। स्वदेश दर्शन योजना के तहत घाटों का सुन्दरीकरण किया गया है। आज का दिन भावनात्मक होने के साथ-साथ उमंग और उत्साह का दिन है।
उन्होने कहा कि वैश्विक महामारी कोविड-19 के प्रोटोकाॅल का पालन करते हुए इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया। मौजूदा सरकार रामराज्य की अवधारणा को अंगीकार करते हुए जाति, क्षेत्र, भाषा के आधार पर बगैर किसी भेदभाव के ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास’ के मंत्र पर कार्य कर रही है।
श्री योगी ने कहा कि उन सबको किसी न किसी रूप में हम आने वाले समय में सहभागी बनाने के लिये कार्यक्रमों का आयोजन करेंगे, ताकि उनकी प्रत्यक्ष अनुभूति अयोध्या में हो सके और अवधपुरी को जो गौरव मिलना चाहिए उसे हम आगे बढ़ा सकें। भगवान राम का यह भव्य और दिव्य मन्दिर, प्रभु श्री राम की यश व कीर्ति के अनुरूप भारत की यश व कीर्ति को भी देश व दुनिया में आगे बढ़ाने का कार्य करेगा।
इस मौके पर राज्यपाल आनंदीबेन पटेल समेत 36 परम्पराओं के साधु-संत व अन्य महानुभाव उपस्थित थे।