नई दिल्ली, योग गुरु बाबा रामदेव एकबार फिर से विवादों में हैं। सबसे खास बात ये है कि केंद्र की मोदी सरकार ने बाबा रामदेव पर बड़ा एक्शन लिया है।
इस बार योग गुरु बाबा रामदेव ने कोरोना के इलाज में ऐलोपैथी को बेकार बताया है। अपने एक योग शिविर के दौरान पतंजलि आयुर्वेद के सर्वेसर्वा ने ‘WhatsApp’ पर फॉर्वर्ड एक मैसेज पढ़ते हुए कहा कि लाखों लोग ऐलोपैथी दवाओं से मरे हैं। उन्होने कोरोना काल में बुखार के लिए दी जाने वाली दवा फैबीफ्लू का भी जिक्र किया। मैसेज के हवाले से उन्होंने कहा कि वह दवा फालतू है।
वॉट्सऐप मैसेज में योग गुरु बाबा रामदेव ने जो मैसेज पढ़कर सुनाया था उसके मुताबिक, “गजब का तमाशा है! ऐलोपैथी, ऐसी स्टूपिड और दीवालिया साइंस है कि पहले रेमडेसिविर, एंटीबायटिक्स, स्टेरायड्स फेल हुए। प्लाजमा पर भी रोक लगी। बुखार के लिए क्या दे रहे हैं? (पूछते हुए)…फैबीफ्लू, वह भी फेल है!
विरोध खड़ा होने के बाद केंद्र की मोदी सरकार ने बाबा रामदेव पर कड़ा एक्शन लेते हुये पत्र लिखा है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हषवर्धन ने रविवार को एक पत्र लिखकर योग गुरु रामदेव से कोरोना योद्धाओं के खिलाफ की गई ‘आपत्तिजनक टिप्पणी’ को वापस लेने को कहा है। केंद्रीय मंत्री ने लिखा कि योग गुरु रामदेव के वक्तव्य ने कोरोना योद्धाओं का निरादर कर, देशभर की भावनाओं को गहरी ठेस पहुंचाई। मैंने उन्हें पत्र लिखकर अपना आपत्तिजनक वक्तव्य वापस लेने को कहा है।
योग गुरु रामदेव के वक्तव्य ने कोरोना योद्धाओं का निरादर कर, देशभर की भावनाओं को गहरी ठेस पहुंचाई। मैंने उन्हें पत्र लिखकर अपना आपत्तिजनक वक्तव्य वापस लेने को कहा है: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ.हर्षवर्धन pic.twitter.com/ybzulFchYr
— ANI_HindiNews (@AHindinews) May 23, 2021
इससे पहले, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने योगगुरु रामदेव को एलोपैथी वाले पर कानूनी नोटिस भेजा है। फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया मेडिकल एसोसिएशन (FAIMA) ने स्वास्थ्य कर्मियों के साथ एकजुटता दिखाते हुए और पूरे देश में रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन की तरफ से बाबा रामदेव को कानूनी नोटिस भेजा है।
वहीं, हरिद्वार स्थित पतंजलि योगपीठ ट्रस्ट ने कहा कि रामदेव डॉक्टरों और चिकित्साकर्मियों का “बेहद सम्मान” करते हैं जो महामारी के ऐसे चुनौतीपूर्ण समय में दिन-रात काम करते हैं। “वह उन्हें और कार्यक्रम में भाग ले रहे कई अन्य सदस्यों को व्हाट्सऐप पर मिले एक फॉर्वर्ड मैसेज को पढ़ रहे थे।” ट्रस्ट के महासचिव आचार्य बालकृष्ण (रामदेव के करीबी और पुराने सहयोगी) के हस्ताक्षर वाले बयान में आगे बताया गया, “योग गुरु की आधुनिक विज्ञान और आधुनिक चिकित्सा पद्धति से चिकित्सा करने वालों के खिलाफ कोई गलत मंशा नहीं है। उनके खिलाफ जो भी आरोप लगाया जा रहा है वह गलत और निरर्थक है।”