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योगी आदित्यनाथ की पीडीए में सेंधमारी, अखिलेश यादव ने दिया ऐसे जवाब

लखनऊ, मिल्कीपुर सीट पर बीजेपी और समाजवादी पार्टी में कांटे की लड़ाई है. इस सीट से विधायक रहे अवधेश प्रसाद अब फैजाबाद से समाजवादी पार्टी के सांसद बन गए हैं. उनके बेटे अजीत प्रसाद अब मिल्कीपुर से चुनाव लड़ रहे हैं. बीजेपी ने यहां से चंद्रभानु पासवान को टिकट दिया है. भाजपा और सपा दोनों ने इस क्षेत्र में दलितों की प्रमुख उपजाति पासी समाज के नेता को उम्मीदवार बनाया है। इस बार बीएसपी इस सीट पर चुनाव नहीं लड़ रही है.वहीं अवधेश प्रसाद एक दो नहीं, बल्कि नौ बार के विधायक रहे हैं. पासी वोटों का बड़ा हिस्सा अवधेश प्रसाद के साथ है.

मिल्कीपुर में आज सीएम योगी ने चुनावी रैली की. मिल्कीपुर सीट का महत्व इस बात से समझ लीजिये कि पिछले छह महीनों में सीएम योगी आदित्यनाथ का इस इलाके का 7वां दौरा है. मंच संभालते ही योगी आदित्यनाथ ने कहा इस उप चुनाव का संदेश देश भर में जाएगा.
योगी आदित्यनाथ ने आज की रैली की कुछ गौर करने वाली बातें रहीं हैं। योगी आदित्यनाथ ने आज की रैली मे अखिलेश यादव के पीडीए में सेध लगाने की जबर्दस्त कोशिश की । वे ये साबित करने में जुटे हैं कि अखिलेश यादव का PDA बस दिखावा है. उनकी राजनीति तो सिर्फ मुस्लिम परस्त है. इसीलिए उन्होंने जान बूझ कर छह महीने पुरानी रेप की घटना का जिक्र किया. इस केस में पीड़िता पिछड़े वर्ग की है. रेप के आरोप में मोईद खान नाम का समाजवादी पार्टी का नेता जेल में बंद है. सीएम योगी ने आरोप लगाया कि समाजवादी पार्टी पीड़िता के साथ खड़े होने के बदले मोईन के बचाव में आई. क्योंकि आरोपी मुसलमान है. अखिलेश यादव ने इस केस में मोईन के डीएनए टेस्ट की मांग की थी.

सीएम योगी आदित्यनाथ ने मंच से कुछ खास नेताओं का नाम लिया. इसके पीछे भी उनकी सोची समझी रणनीति है. योगी आदित्यनाथ ने विधायक रामचंद्र यादव का नाम लिया. वहीं पूर्व विधायक खब्बू तिवारी का ज़िक्र किया. मिल्कीपुर में क़रीब 75 हजार ब्राह्मण वोटर हैं. यहां यादव वोटरों की संख्या 50 हज़ार है. सीएम योगी को लगता है कि अगर 5 हज़ार यादव वोट भी कट गए तो नुक़सान समाजवादी पार्टी का ही है.

योगी आदित्यनाथ की पूरी रणनीति पिछड़े और दलित वोटरों को समाजवादी पार्टी की तरफ जाने से रोकने की हैं. रैली में सीएम योगी आदित्यनाथ बारी-बारी से दलित और पिछड़ी बिरादरी के महापुरुषों का ज़िक्र कर अखिलेश यादव के PDA फार्मूले को कमजोर करने की पूरी कोशिश की । उन्होने कहा कि अयोध्या इंटरनेशनल एयरपोर्ट का नाम महर्षि वाल्मिकी के नाम हुआ तो समाजवादियों के पेट में दर्द होने लगा. सुहसदेव राजभर के नाम पर मूर्ति लगी तो समाजवादी पार्टी नेताओं को बुरा लगा. संत रविदास के स्मारक पर काम हुआ तो उन्हें परेशानी होने लगी. उन्होंने बिजली पासी का भी नाम लिया.

मिल्कीपुर चुनाव के लिए सीएम योगी आदित्यनाथ ने सात मंत्रियों की टीम लगाई है. अलग अलग बिरादरी के चालीस विेधायकों को चुनाव में लगाया गया है. फार्मूला ये है कि जिस जाति के वोटर हैं उसी समाज के विधायक को उस इलाके में काम करने को कहा गया है.
लेकिन अखिलेश यादव भी आज चूके नहीं। सीएम योगी आदित्यनाथ की पीडीए में सेंध लगाने की मंशा अखिलेश यादव ने शायद भांप ली । इधर उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ का हेलिकॉप्टर मिल्कीपुर के लिए रवाना हुआ. ठीक उसी समय अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट किया. इस पोस्ट में उन्होंने लिखा कि भाजपाराज में पक्षपात की उल्टी गणित-जो पीडीए समाज संख्या में 90 प्रतिशत है. अयोध्या मे उस पीडीए समाज की हिस्सेदारी सिर्फ 20 % के करीब है। और जिनकी संख्या 10% है, उन प्रभुत्ववादियों को प्रशासनिक पदों पर 80% नियुक्तियां मिली हुई है। …..और कुछ नही कहना है।

जहां मिल्कीपुर विधानसभा सीट जीत कर योगी आदित्यनाथ फैजाबाद संसदीय सीट की हार का बदला लेना चाहते हैं. पिछले साल राम मंदिर का प्राण प्रतिष्ठा होने पर भी बीजेपी हार गई थी. इस हार का बड़ा गलत संदेश गया. पर इस बार योगी आदित्यनाथ कोई चूक नहीं करना चाहते हैं.वहीं , अखिलेश यादव को PDA मतलब पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यक वोटरों पर भरोसा है.अखिलेश यादव अपने PDA फार्मूले से इस सीट पर कब्जा बरकरार रखना चाहते है. इसी फार्मूले के सहारे समाजवादी पार्टी को लोकसभा चुनाव में 37 सीटें मिली थीं.