लखनऊ , मुबंई में वरिष्ठ पत्रकार अर्नब गोस्वामी की गिरफ्तार पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं के बयानाे पर कटाक्ष करते हुये सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि एक साल में 40 पत्रकारों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने वाली योगी सरकार मुबंई में हुयी घटना पर बिलबिला रही है।
श्री राजभर ने बुधवार को ट्वीट किया “ एक साल मे चालीस पत्रकारों पर एफआईआर हुई। पत्रकारों की हत्या हो गयी। सरकार के खिलाफ ख़बर लिखने पर ईओडब्लू जैसी ऐजेंसी पीछे लगा दी गयी पर जो आज अर्नब की गिरफ्तारी पर बिलबिला रहे है वह ख़ामोश थे और अर्नब की गिरफ़्तारी से इनको लोकतंत्र की याद आ रही है। नौटंकी इसी को कहते है।”
उन्होने एक अन्य ट्वीट में लिखा “ योगी सरकार में मिड डे मील के नाम पर मासूम बच्चों को नमक रोटी परोसे जाने की खबर सामने लाने वाले मिर्जापुर के पत्रकार पवन जायसवाल, आज़मगढ़ के पत्रकार संजय जायसवाल, प्रशांत कनौजिया भ्रष्टाचार उजागर करने वाले मनीष पांडेय के साथ यूपी सरकार ने जो किया वो क्या था। इमरजेंसी या रामराज।”
योगी सरकार में मंत्री रह चुके राजभर ने लिखा “ पत्रकार गौरी लंकेश,नरेंद्र दाभोलकर पर जानलेवा हमले होते है। प्रशान्त कनोजिया को जेल में डाला जाता है। दलित पत्रकार मीना कोटवाल के साथ हाल ही में बिहार के मोतिहारी में बदसुलूकी की जाती है। तब अर्णव के समर्थन में उतरने वाले बीजेपी के लोग छुपे होते है या फंसे होते है।पूछता है भारत।”