देश भर में कार्यरत सभी मोबाइल कंपनियों को 28 फरवरी तक अपने ग्राहकों की केवाईसी पूरी करनी है। हालांकि अभी तक ज्यादातर कंपनियों ने अपनी केवाईसी को पूरा नहीं किया है। ऐसे में 1 मार्च से इन मोबाइल वॉलेट के बंद होने का खतरा बरकरार हो गया है।
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने मोबाइल वॉलेट यूजर्स को बड़ी राहत देते हुए कहा है कि 28 फरवरी के बाद भी उनके वॉलेट में पड़ा बैलेंस खत्म नहीं होगा। इसके साथ ही वॉलेट में पड़े पैसे का इस्तेमाल सामान खरीदने में भी इस्तेमाल कर सकेंगे। पैसों को वो अपने बैंक अकाउंट में भी भेज सकेंगे।
आरबीआई ने कहा है कि ग्राहक 1 मार्च से बिना केवाईसी के लिए वॉलेट में पैसा नहीं डाल सकेंगे। इसके साथ ही किसी को भी पैसा भेज भी नहीं सकेंगे। आरबीआई के सख्त दिशानिर्देशों के चलते ऐसा होने जा रहा है। आरबीआई का सभी मोबाइल वॉलेट कंपनियों को निर्देश है कि वो अपने यूजर्स की बेसिक केवाईसी की प्रक्रिया को पूरा कर लें।
हालांकि कुछ मोबाइल वॉलेट कंपनियां ग्राहकों के बीच में यह अफवाह फैला रही थीं कि उनकी सर्विस 1 मार्च के बाद भी बिना केवाईसी ग्राहकों के लिए सुचारू रूप से चलती रहेंगी। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) के दिशानिर्देशों के अनुसार केवाईसी करवाना अब भी अनिवार्य है। मोबाइल वॉलेट कंपनियों ने रिजर्व बैंक द्वारा जारी किए गए एक अहम आदेश को पूरा नहीं किया है।
आरबीआई ने देश में लाइसेंस प्राप्त सभी मोबाइल वॉलेट कंपनियों को अपने ग्राहकों का केवाईसी नॉर्म्स पूरा करने के लिए फरवरी 2018 तक का वक्त दिया था। ज्यादातर कंपनियां आरबीआई के इस आदेश को पूरा नहीं कर पाई हैं। अगर फरवरी तक यह पूरा नहीं हुआ तो देश भर में कई कंपनियों के मोबाइल वॉलेट बंद हो जाएंगे। देश भर में पेटीएम, मोबीक्विक, एसबीआई योनो, एचडीएफसी पैजेप, एम-पैसा, एयरटेल मनी, चिल्लर, अमेजन पे, फोन-पे प्रमुख मोबाइल वॉलेट कंपनियां हैं।