इंदौर, मध्यप्रदेश के इंदौर स्थित कमला नेहरू प्राणी संग्रहालय (चिड़ियाघर) में रह रहें 70 से ज्यादा प्रजाति के वन्य जीवों के जीवन को जैसे लॉकडाउन के चलते उत्पन्न शांति ने भरपूर आनंद और सकारात्मक ऊर्जा से भर दिया है।
जिसके फलस्वरूप यहां हाथी, बंदर, बारहसिंघा सहित विभिन्न प्रजाति के 600 से ज्यादा वन्यप्राणी आम दिनों से ज्यादा उछल-कूद करते, झूमते, मोहक अठखेलियाँ करते देखे जा रहें है।
हालांकि इनके बदले अंदाज, प्रसन्नचित चेहरों को देखने आने वाले दर्शकों और पशु प्रेमियों के प्रवेश पर पूर्णतः प्रतिबंध है। लेकिन चिड़ियाघर में इन मूक प्राणियों की देखरेख के लिए तैनात डॉक्टर, कर्मचारी इन मूकप्रणियों के जीवन में आ रहे सकारात्मक परिवर्तन को बता रहें है।
इंदौर नगर निगम के अधीन आने वाले चिड़ियाघर के प्रभारी डॉ उत्तम यादव ने बताया कि यहां 72 प्रजातियों के 635 जानवर हैं। लॉक डाउन के पहले आम दिनों में यहां औसतन चार हजार पर्यटक प्रतिदिन आते हैं।
उन्होंने बताया कि इंदौर शहर में अनाधिकृत रूप से बेची जा रही सैकड़ों किलो सब्ज़ियों-फलों को इन दिनों रोज जप्त कर चिड़ियाघर भेजा जा रहा है। जिसे शाकाहारी जनवरों को परोसा जा रहा है। इन फल सब्ज़ियों का सेवन करके, शांत वातावरण में रह रहे इन मूकप्राणियों की ऊर्जा देखते ही बनती है। शायद यही वजह है कि सामान्य दिनों से इतर आजकल ये अपने पूरे प्राकृतिक रंग में है।
डॉ यादव ने बताया 52 एकड़ में फैले चिड़ियाघर के जानवरों की खुराक में आजकल प्रतिदिन 300 से 400 किलोग्राम फल और सब्जियां की खपत हो रही हैं। यहां रह रहें हाथी मोती की खुराक में 60 फीसदी हिस्सा तरबूज और फलो का है। शेष 40 फीसदी हरे चारे का सेवन कर मोती मदमस्त नजर आता है।
‘फ्रूट डाइट’ की मात्रा बढ़ने से मोती के व्यवहार में सकारात्मक परिवर्तन लक्षित हो रहे हैं।
अन्य जानवरों में हिरण को पालक,धनिया और टमाटर दिया जा रहा है, तो नील गाय लौकी, भिंडी और टमाटर बडे चाव से खा रही है।
चिड़ियाघर प्रभारी के अनुसार गर्मियों को लेकर भी चिड़िया घर में विशेष इंतजाम किये गये हैं। शेर,चीता और भालू के बाड़ों में कुलर लगाये गये हैं तो चिड़ियों के पिंजरे में खस लगायी गयी है। अन्य शाकाहारी जानवरों के लिये कीचड़ मिट्टी का इंतजाम किया भी किया गया है, कीचड में सांभर को उछल कूद करता देखना भी आनंदित कर देने वाला अनुभव है।