नई दिल्ली, सोशल मीडिया पर खराब भोजन परोसे जाने का मुद्दा उठाने के बाद, वीडियो वायरल होने के बाद, बीएसएफ जवान तेज बहादुर यादव पर आफत का पहाड़ टूट पड़ा है। उसे मानसिक रूप से बीमार बताया जा रहा है, साथ ही जबर्दस्ती उसे वीआरएस लेने के लिये कहा जा रहा है।
सिपाही तेज बहादुर यादव ने कहा कि उन्होंने जो किया वह गलत नहीं है। उन्होंने सच्चाई दिखाई उन्होंने सिर्फ अच्छा भोजन और रोटी मांगी है। यह कहना कि उन्हें मानसिक परेशानी है, गलत है। अगर यह सच है तो उन्हें सीमा पर क्यों भेजा गया और काम पर तैनात क्यों किया गया? उन्होंने कहा, उन्हें इलाज के लिए क्यों नहीं भेजा गया?
उनके बेटे ने कहा कि खुद के लिए और सीमाओं पर तैनात जवानों के लिए अच्छा भोजन मांगना गलत नहीं है। सिपाही तेज बहादुर यादव के बेटे ने कहा कि हमें कैसे पता चलेगा कि वहां क्या हो रहा है (अग्रिम क्षेत्रों में) और उनके (सैनिकों) साथ क्या हो रहा है? हम स्वतंत्र जांच और न्याय चाहते हैं।
केंद्रीय गृह राज्यमंत्री किरण रिजिजू ने कहा कि उनके मंत्रालय को इस मुद्दे पर अंतरिम रिपोर्ट मिली है और कुछ मुद्दे हैं। रिजिजू ने संवाददाताओं से कहाकि मैं उस पर (रिपोर्ट) टिप्पणी नहीं करना चाहता क्योंकि मैं देश के लोगों और मीडिया से व्यक्तिगत अपील करता हूं कि इसे मुद्दा नहीं बनाएं, जब तक मामले की जांच नहीं होती तब तक बड़ा मुद्दा नहीं बनाएं। इससे जवानों का उत्साह ठंडा पड़ेगा।सिपाही तेज बहादुर यादव का परिवार आगे आया है। परिवार का कहना है कि वह सच्चाई को सामने ला रहे हैं।