लखनऊ, हरियाणा में जारी हिंसा पर चिंता व्यक्त करते हुये बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती ने कहा कि यदि राज्य सरकार यात्रा, जुलूस व प्रदर्शन को सुरक्षा नहीं दे सकती है, तो फिर इसके आयोजन की अनुमति ही क्यों देती है।
मायावती ने बुधवार को जारी बयान में कहा कि हरियाणा में साम्प्रदायिक दंगा का भड़कना और इसका गुड़गाँव व अन्य क्षेत्रों में बिना रोकटोक फैल जाना यह साबित होता है कि मणिपुर की तरह हरियाणा में भी कानून व्यवस्था बुरी तरह ध्वस्त है तथा सरकार का खुफिया तंत्र भी निष्क्रिय है।
उन्होने कहा कि हरियाणा सरकार का यह दावा कि साम्प्रदायिक दंगा विश्व हिन्दू परिषद की यात्रा पर पथराव को लेकर शुरू हुआ, जिससे भी पूरे तौर से यह स्पष्ट है कि हरियाणा सरकार उस यात्रा को सुरक्षा देने में पूरे तौर से विफल रही है, जबकि शासन-प्रशासन व खुफिया तंत्र को खासकर इन मामलों को लेकर हर प्रकार से काफी चुस्त व दुरुस्त होना चाहिए था। कुल मिलाकर इससे वहाँ कि राज्य सरकार की नीति, नीयत व कार्यशैली पर भी काफी कुछ सवाल उठना स्वाभाविक है।
बसपा अध्यक्ष ने कहा कि राज्य सरकार प्रस्तावित यात्रा, जुलूस व प्रदर्शन आदि को सुरक्षा नहीं दे सकती है, तो फिर सरकार द्वारा इसके आयोजन की अनुमति ही क्यों दी जाती है। हरियाणा सरकार के पास दंगा व उसको लेकर आगे भड़क रही हिंसा को रोकने की नीयत का पूरी तरह से अभाव है जो और भी चिन्ताजनक बात है।
उन्होने कहा कि दंगा एवं हिंसा को राजनीति तथा संकीर्ण स्वार्थ की पूर्ति का साधन बनने की अनुमति किसी भी राज्य सरकार को नहीं देनी चाहिए, क्योंकि लोगों के जान-माल व मज़हब की सुरक्षा करना हर राज्य सरकार की पहली संवैधानिक ज़िम्मेदारी बनती है, जो स्थानीय पुलिस के निष्पक्ष एवं प्रभावी प्रयोग से संभव है। हरियाणा सरकार को वहाँ साम्प्रदायिक सद्भाव व भाईचारा एवं अमन-चैन आदि की बहाली का निष्पक्ष, गंभीर एवं ईमानदार प्रयास तुरन्त ही शुरू कर देना चाहिए तथा केन्द्र की सरकार को भी इस मामले में राज्य सरकार की हर प्रकार से मदद को जरूर आगे आना चाहिए ताकि वहाँ हालात आगे न बिगड़ने पाए।