कानपुर, भारत और न्यूजीलैंड के बीच कानपुर के ग्रीनपार्क मैदान पर चल रहे पहले टेस्ट मैच में पिच के व्यवहार को लेकर सवाल उठने लगे हैं।
पिच में अनियमित उछाल से बल्लेबाज मैच के पहले दिन से ही मुश्किल में दिख रहे हैं। दरअसल मीडिया छोर से एक भी बार गेंद कमर से ऊपर नहीं उठी है, बल्कि कई बार गेंद जमीन से तीन से छह इंच की दूरी पर आई है, जबकि पवेलियन छोर से भी गेंद का उछाल कई बार असामान्य दिखा है।
अनियमित उछाल को भांपते हुए न्यूजीलैंड के अनुभवी तेज गेंदबाज टिम साउदी ने भारत की पहली पारी में मात्र 69 रन देकर पांच खिलाड़ियों को चलता किया था, जबकि आज लेफ्ट आर्म स्पिनर अक्षर पटेल ने मीडिया छोर से लगातार गेंदबाजी कर पांच कीवी बल्लेबाजों को अपना शिकार बनाया। इस दौरान उनकी कई गेंदे जमीन से छूती हुई निकलीं, जिससे बल्लेबाजों ने अपना संयम खाेया।
पिच के व्यवहार को लेकर कमेंट्री बाक्स में बैठे दिग्गजों ने भी आज चिंता जताई जो भविष्य में उत्तर प्रदेश क्रिकेट संघ (यूपीसीए) के लिए मुश्किल का सबब बन सकती हैं। सूत्रों के मुताबिक मैच से पहले कप्तान केन विलियम्सन भी पिच को देखकर मायूस दिखे थे, जबकि भारतीय कोच राहुल द्रविड़ कानपुर पहुंचने के कुछ ही देर बाद पिच का मुआयना करने ग्रीनपार्क पहुंचे थे। पिच क्यूरेटर शिव कुमार के मुताबिक द्रविड़ ने पिच को देखकर संतोष जताया था।
गौरतलब है कि 2008 में ग्रीनपार्क मैदान पर भारत ने मात्र तीन दिनों में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट मैच जीत लिया था जिसके बाद मेहमान टीम ने पिच के साथ छेड़छाड़ का आरोप लगाया था और इस पर आईसीसी ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) से सफाई मांगी थी। इसके अगले ही साल भारत दौरे पर आई श्रीलंकाई टीम के दिग्गज स्पिनर मुथैया मुरलीधरन ने अपनी टीम के हारने का ठीकरा भी ग्रीनपार्क की पिच पर फोड़ा था और कप्तान कुमार संगाकारा ने आईसीसी में इस बारे में शिकायत दर्ज कराई थी। साल 2010 में रणजी ट्राफी में यूपी और बंगाल का मैच भी इसी पिच पर दो दिन में खत्म हुआ था जिसके बाद बंगाल के कप्तान सौरभ गांगुली ने बीसीसीआई से शिकायत की थी।