नयी दिल्ली, सिक्सर किंग के नाम से मशहूर युवराज सिंह अपनी डेब्यू पारी से पहले रात भर सो नहीं पाए थे। उन्होंने बताया कि कैसे मैच से एक रात पहले कप्तान सौरभ गांगुली ने उनके साथ एक मज़ाक़ किया था। अपनी पहली अंतर्राष्ट्रीय पारी में युवराज सिंह ने 84 रन बनाए थे।
भारत के पूर्व टेस्ट क्रिकेटर युवराज सिंह ने बताया कि 2000 आईसीसी नॉकआउट टूर्नामेंट में अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में अपनी ऐतिहासिक पहली पारी से पहले कप्तान सौरभ गांगुली के रचाए गए एक मज़ाक़ के चलते उन्हें पूरी रात नींद नहीं आई थी।
होम ऑफ़ हीरोज़’ कार्यक्रम में युवराज ने संजय मांजरेकर को बताया कि मैच से पहले शाम को गांगुली ने 18-वर्षीय युवराज से पूछा कि क्या वह सलामी बल्लेबाज़ के तौर पर खेलने के लिए तैयार हैं। युवराज ने कहा, “मैंने उनसे कहा कि अगर वह ऐसा चाहते हैं तो मैं ज़रूर ओपन करूंगा। इसके बाद मुझे सारी रात नींद नहीं आई।”
युवराज ने अपना डेब्यू टूर्नामेंट के मेज़बान केनया के ख़िलाफ़ कर लिया था लेकिन उस मैच में उनकी बल्लेबाज़ी नहीं आई थी। अगली सुबह गांगुली ने उन्हें बताया कि वह मज़ाक़ कर रहे थे और सचिन तेंदुलकर के साथ पारी का आग़ाज़ उन्होंने ख़ुद किया। भारत ने विश्व चैंपियन ऑस्ट्रेलिया के विरुद्ध 265 बनाए जिसमें युवराज ने 84 रन की शानदार पारी खेली।
युवराज ने इस मैच को याद करते हुए कहा, “मैं नंबर पांच पर बल्लेबाज़ी कर रहा था और बहुत तनाव में था। हालांकि जब तक मैं बल्लेबाज़ी करने उतरा तब तक मेरा ध्यान सिर्फ़ गेंद पर ही केंद्रित हो चुका था।” युवराज के सामने गेंदबाज़ी क्रम में ग्लेन मक्ग्रा, जेसन गिलेस्पी, ब्रेट ली जैसे नाम मौजूद थे और साथ ही ऑस्ट्रेलिया की चिर-परिचित स्लेजिंग। उन्हें 37 के स्कोर पर एक जीवनदान भी मिला था। इस बात पर युवराज ने कहा, “उस गेंदबाज़ी क्रम की गुणवत्ता ऐसी थी कि अगर आप आज मुझसे कहते कि मैंने अपनी पहली पारी में ऑस्ट्रेलिया के विरुद्ध केवल 37 बनाए हैं तो भी मैं संतुष्ट होता। मेरा सौभाग्य था कि मैंने 84 बनाए और स्वाभाविक खेल के सहारे गेंद को क़रीब से देखा और ज़ोर से मारा। ऑस्ट्रेलिया को हरा पाना और ऐसे में प्लेयर ऑफ़ द मैच का ख़िताब भी पाना मेरे लिए बहुत बड़ी बातें थीं।”
इस मैच में युवराज ने माइकल बेवन को रन आउट करके भी जीत में योगदान दिया था। भारत ने सेमीफ़ाइनल में दक्षिण अफ़्रीका को हराया था लेकिन फ़ाइनल में कप्तान गांगुली के लगातार दूसरे शतक के बावजूद वह न्यूज़ीलैंड से हार गए थे। हालांकि युवराज भारत के लिए 2007 वर्ल्ड टी20 और 2011 के 50-ओवर विश्व कप के दोनों विजयी अभियानों में प्लेयर ऑफ़ द टूर्नामेंट रहे।