नई दिल्ली, कोई भी बीमारी हो जाने पर आमतौर पर कुछ लोगों में इंजेक्शन को लेकर डर देखने को मिल जाता है. इस कारण से वह अपना ईलाज भी अच्छे से नहीं करवा पाते हैं. इनमें ज्यादातर बच्चे शामिल होते हैं. ऐसे लोगों की परेशानी को ही ध्यान में रखते हुए रिसर्चर्स ने ऐसी कैप्सूलनुमा दवाइयों का आविष्कार किया है हो सुई के दर्द से छुटकारा दिलाएगा.
वे डायबिटीज़ पेशेंट जो रोज़ाना इंजेक्शन के ज़रिए इन्सुलिन ले रहे हैं. उन्हें आने वाले वक्त में इससे राहत मिल सकती है. रिसर्चर्स ने ऐसी कैप्सूलनुमा High-tech pill डेवलप कर ली है जिसके जरिए इंजेक्शन से लेने वाली दवा, ली जा सकती है. इंजेक्शन लगाने से बचाने वाले इस कैप्सूल/डिवाइस का टेस्ट अभी तक सिर्फ जानवरों पर किया गया है. वैज्ञानिकों उम्मीद जता रहे हैं कि इसका इस्तेमाल ह्यूमन के लिए भी सफल हो सकेगा.
वैज्ञानिकों ने टेस्ट डिवाइस को Soma नाम दिया है, जो कि कछुए के शेल की शेप जैसी है. इसमें अंदर की ओर इंसुलिन का एक लघु पद बना है. इसका साइज़ लगभग मटर के दाने जैसा बताया जा रहा है. इस डिवाइस के जरिए सबसे पहले इंसुलिन शरीर में इंजेक्ट करनी की बात इसलिए हो रही है क्योंकि डायबिटीज के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन की 2016 की रिपोर्ट के मुताबिक, विश्व में 2030 तक कई बीमारियों से होने वाली मौतों में डायबिटीज़ सातवां रोग हो सकता है.
इस छोटे से डिवाइस की पोजिशन पेट की वॉल के विपरीत बनाई गई है. कैप्सूलनुमा डिवाइस घुलने के बाद पेज की सतह में इंसुलिन इंजेक्ट कर देती है. जिसमें इंजेक्शन जैसा दर्द नहीं होता. ये कैप्सूल पेट में colon से होकर गुज़रता है.इस डिवाइस ने चूहों और सुअरों पर सही प्रकार से काम किया. जांचकर्ताओं द्वारा इस डिवाइस के इस्तेमाल की रिपोर्ट जर्नल साइंस में 8 फरवरी को पब्लिश हुई.
इस रिसर्च को करने वाले एम.आई.टी., हार्वर्ड और नोवो नॉर्डिस्क, द pharmaceutical कंपनी को उम्मीद है, टेस्ट की गई डिवाइस soma आने वाले तीन सालों में इंसानों के लिए भी उपयोगी होगी.brown यूनिवर्सिटी के मेडिकल साइंस, इंजीनियरिंग के प्रोफेसर Edith Mathiowitz ने कहा, ये डिवाइस इंजेक्शन की परेशानी को हल करने का बेहतर विकल्प साबित हो सकता है. क्योंकि ये एकदम नया कॉन्सेप्ट और बेहद कूल आइडिया है.