नई दिल्ली, आखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के साथ मिलकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय एक राष्ट्रीय मृत्यु रजिस्ट्री (एनडीआर) बनाएगा, जिसमें देश भर के अस्पतालों में होने वाली मृत्यु और इसकी वजहों का आंकड़ा होगा।
एम्स के अध्यक्ष (कंप्यूटरीकरण) दीपक अग्रवाल ने बताया, मकसद एक देशव्यापी डेटाबेस बनाना है जिसमें भारत के विभिन्न क्षेत्रों में अस्पतालों में होने वाली मौतों और उनके कारणों का आंकड़ा होगा। इससे नीति बनाने वालों को बीमारियां पैदा होने के बारे में बेहतर समझ हो पाएगी, जिससे संबंधित क्षेत्रों में संसाधनों का अधिकतम इस्तेमाल और अधिकतम स्वास्थ्य देखभाल सुविधाएं मुहैया कराई जा सकेंगी। एम्स पहले ही मृत्यु रजिस्ट्री के पायलट संस्करण को लागू कर चुका है, जिसमें खास बात यह है कि इसमें सिस्टमाइज्ड नोमेनक्लेचर ऑफ मेडिसिन (स्नोमेड) नाम की एक कोडिंग प्रणाली है। स्वास्थ्य मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया, ऐसा पहली बार है कि इस तरह की अंतरराष्ट्रीय कोडिंग प्रणाली भारत में स्वास्थ्य देखभाल के क्षेत्र में लागू की जा रही है। अधिकारी ने बताया कि मंत्रालय ने सभी राज्यों के स्वास्थ्य विभाग की एक बैठक बुलाई है ताकि पूरे भारत में इस कार्यक्रम को लागू किया जा सके। इस कार्यक्रम को लागू करने के मामले में एम्स तकनीकी के साथ-साथ क्रियान्वयन साझेदार भी होगा।