नई दिल्ली, दिल्ली उच्च न्यायालय ने न्यायिक कार्यवाही में वॉट्सएप तथा ईमेल जैसे सोशल नेटवर्क के इस्तेमाल की इजाजत दे दी। न्यायमूर्ति राजीव सहाय एंडलॉ ने अभियोक्ता द्वारा किसी भी एक प्रतिवादी को वॉट्सएप, टैक्स्ट मैसेज तथा ईमेल के जरिए समन भेजने की इजाजत दी।
अदालत ने गुरुवार को कहा, अभियोक्ताओं को इजाजत दी जाती है कि वे प्रतिवादी को टैक्स्ट मैसेज, वॉट्सएप, ईमेल के जरिए समन भेज सकते हैं। अदालत टाटा सन्स द्वारा दायर मामले की सुनवाई कर रही थी जिसमें आरोप लगाया गया था कि दिसंबर 2015 से 35 अज्ञात ईमेल आईडी के जरिए कंपनी के एक अधिकारी के खिलाफ अवांछनीय, मानहानिपूर्ण और बेबुनियाद आरोप फैलाए जा रहे हैं जो उनकी ईमानदारी तथा शैक्षणिक योग्यता पर सवाल खड़े करते हैं। इस मामले में तीन इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडरों को भी पक्षकार बनाया गया है।