नई दिल्ली, हैदराबाद हाईकोर्ट के एक जज ने गाय को लेकर बडी टिप्पणी की है। जस्टिस बी शिवाशंकर राव ने कहा कि गाय मां और भगवान का विकल्प है। साथ ही उन्होंने गाय को पवित्र राष्ट्रीय धरोहर बताते हुए यह भी कहा कि गाय को राष्ट्रीय पशु का दर्जा मिलना ही चाहिए। पशु व्यवसायी रामावत हनुमा की हाई कोर्ट में दाखिल याचिका पर सुनवाई करते हुए जज ने यह बात कही। याचिकाकर्ता रामावत ने उसकी जब्त की गई 63 गायों की कस्टडी के लिए निचली अदालत में गुहार लगाई थी।
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निचली अदालत में अपील खारिज होने के बाद उन्होंने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। याचिकाकर्ता का कहना है कि वह गायों को चराने के लिए अपने गांव के पास कंचनपल्ली गांव लेकर गया था। वहीं, दूसरी तरफ के पक्ष का कहना है कि रामावत गायों को बेचने के लिए ले जा रहा था ताकि बकरीद के दौरान गौमांस बेच सके।
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जस्टिस शिवाशंकर राव ने सुप्रीम कोर्ट के ऑर्डर का जिक्र करते हुए कहा कि बकरीद के मौके पर मुस्लिम धर्म के लोगों को स्वस्थ्य गाय को काटने का कोई संवैधानिक अधिकार नहीं है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार जज ने उन पशु-डॉक्टरों को आंध्रप्रदेश गोहत्या एक्ट 1977 के अंतर्गत लाने की मांग भी की जो कि धोखे से सेहतमंद गाय को अनफिट करार देकर सर्टिफिकेट देकर कह देते हैं कि वे दूध नहीं दे सकती।
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आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में उन गायों को काटने की इजाजत है जो कि बूढ़ी हो चुकी हैं और दूध नहीं देती हों। जज ने बाबर का उदाहरण देते हुए कहा कि उन्होंने गौहत्या पर पाबंदी लगाई थी। जज ने कहा कि बाबर ने अपने बेटे हूमायूं को भी ऐसा ही करने को कहा था। जज ने कहा कि अकबर, जहांगीर और अहमद शाह ने भी गौहत्या पर पाबंदी रखी थी।
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