दुबई, अमेरिका में क्रिकेट की शीर्ष संस्था अमेरिकी क्रिकेट संघ के भविष्य को लेकर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद की पूर्ण परिषद ने कहा है कि वह जून में होने वाली अपनी बैठक में यूएसएसीए के निष्कासन पर विचार करेगा। यूएसएसीए के निष्कासन पर विचार करने के पीछे आईसीसी का तर्क है कि संघ ने अमेरिका में क्रिकेट समुदाय को एक करने का प्रयास नहीं किया। यूएसएसीए को आईसीसी ने 2015 में पहले से ही अस्थायी तौर पर प्रतिबंधित कर दिया है।
यह पिछले 12 वर्षो में उस पर तीसरा प्रतिबंध है। अमेरिका को अगर जून में होने वाली आईसीसी की बैठक से निष्कासित नहीं किया जाता है तो वह आईसीसी का सदस्य रहेगा लेकिन उस पर अस्थायी प्रतिबंध जारी रहेगा। वेबसाइट ने आईसीसी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डेव रिचर्डसन के हवाले से लिखा है, इस प्रस्ताव को मंजूरी देने का फैसला आईसीसी बोर्ड ने हल्क में नहीं लिया था। इन दो वर्षो में हमारा ध्यान सिर्फ इस बात पर था कि अमेरिका में क्रिकेट समुदाय एकजुट हो सके और यूएसएसीए खेल को देश में फैला सके।
उन्होंने कहा, इतना समय लगाने के बाद और यूएसएसीए से मिले बेहद कम सहयोग के बाद आईसीसी बोर्ड का यह मानना है कि उसकी पूर्ण परिषद के पास यूएसएसीए को आईसीसी से निष्कासित करने का एक मात्र विकल्प है। उन्होंने कहा, यूएसएसीए का प्रक्रिया में हिस्सा लेने से इनकार करना, बुनियादी जरूरतों को पूरा करने, जानकरी एकत्रित करने के लिए भेजी गई मांग को मानने और आईसीसी के मान्यता प्राप्त
संविधान को लागू करने जैसे सभी अहम जरूरतों का पावन न करने और खेल को एक न करने में असफल होना इसके पीछे की वजह हैं। आईसीसी बोर्ड का कहना है कि अमेरिका में क्रिकेट समुदाय पूरी तरह बिखरा है और उन्हें नहीं लगता कि यूएसएसीए देश में क्रिकेट संबंधित गतिविधियां का चला सकता है। उसका कहना है कि सिर्फ कुछ छोटे संघ ही यूएसएसीए का हिस्सा हैं जबकि बड़ी तादाद में लोगों ने इससे न जुड़ने का फैसला किया है। अप्रैल में यूएसएसीए ने कहा था कि उनके सदस्ययों ने आईसीसी के मान्यता प्राप्त संविधान को लागू करने के खिलाफ वोट दिया था।