अयोध्या, मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम की नगरी में भव्य श्रीराम मंदिर निर्माण के साथ-साथ इस बार दुर्गा पूूजा महोत्सव की धूम मची हुई है।दुर्गा पूजा महोत्सव के दौरान अगर बत्ती और इलायची की सुगंध, चूडिय़ों व शीशों की चमक तथा मेवा जडि़त और सुई द्वारा बनायी गयी दुर्गा प्रतिमाओं के दर्शन के लिए बड़े पैमाने पर भीड़ उमड़ रही है।
हालांकि यह नगरी श्रीराम की नगरी के रूप में प्रसिद्ध है, इसलिए श्रीराम के मंदिर का निर्माण भी जोरशोर से चल रहा है लेकिन दुर्गा पूजा की चकाचौंध में यहां रामलीला दब सी जाती है जबकि पिछले वर्षों से रामलीला का मंचन उत्तर प्रदेश सरकार फिल्मी कलाकारों से करा रही है।
केन्द्रीय दुर्गा पूजा एवं रामलीला समन्वय समिति के अध्यक्ष मनोज जायसवाल ने आज यहां यूनीवार्ता से बातचीत करते हुए बताया कि कोलकाता से आये कारीगरों द्वारा विभिन्न प्रतिमाओं का निर्माण अयोध्या नगरी में पिछले कई महीनों से हो रहा है। इन प्रतिमाओं में मां दुर्गा के स्वरूपों को दिखाया जा रहा है। आमतौर पर तीन से पचीस फीट तक ऊंची दुर्गा प्रतिमाएं बनकर पंडाल स्थापना की गयी हैं। इन प्रतिमाओं के निर्माण में इस बात का विशेष ध्यान रखा गया है कि हर एक में कुछ न कुछ विशिष्टिता व आकर्षण जरूरत दिखायी पड़ रही है। प्रतिमाओं की स्थापना तक मूर्ती खंडित न हो इसका विशेष ध्यान रखा गया है।
श्री जायसवाल ने बताया कि इस बार जिले में 1800 मूर्तियों की स्थापना की गयी है जिसमें तीन सौ मूर्ति शहर के विभिन्न मोहल्लों में स्थापित हैं।
उन्होंने बताया कि अयोध्या जिले में ग्यारह स्थानों से रामलीला का मंचन हो रहा है। इन मूर्तियों की स्थापना के लिए विभिन्न दुर्गा समितियों में पंडालों की सजावट में एकदूसरे को पछाडऩे की होड़ लगी हुई है लेकिन चौैक व नाका क्षेेत्र की समितियां इसमें ज्यादा सक्रिय हैं। चौक में तीन मंजिलें पंडाल का निर्माण कराया गया है जिसे एक मंदिर की भव्यता व स्वरूप प्रदान किया गया है। उन्होंने बताया कि इस बार शहर व ग्रामीण क्षेत्र में दुर्गा मूर्तियों के पण्डाल में रामलला की मूर्ति भी रखी गयी है। यहां की दुर्गा पूूजा समितियों पर नियंत्रण व एकजुटता रखने के लिए केन्द्रीय दुर्गा पूजा समिति बनी है, जिसका मुख्य कार्य दुर्गा पूजा महोत्सव को शांतिपूर्वक सम्पन्न कराना व अंतिम दिन निकलने वाले जुलूस को व्यवस्थापित ढंग से सरयू घाट तक पहुंचाकर विसर्जन कराना है।
उन्होंने बताया कि दुर्गा प्रतिमाओं के साथ ही यहां विभिन्न पंडालों में भगवान श्रीराम के चित्र भी लगाये गये हैं। उन्होंने बताया कि यह महोत्सव शांतिपूर्वक ढंग से निपटाने की जिम्मेदारी प्रशासन की है फिर भी समिति ने भी अपने स्तर पर शांति बनाये रखने के लिए कई कदम उठाये हैं।
इस बीच जिला प्रशासन ने दुर्गा पूजा महोत्सव व दशहरा को शांतिपूर्ण निपटाने के कड़े प्रबंध करने का दावा किया है। जिलाधिकारी नितीश कुमार ने बताया कि हालांकि यहां किसी गड़बड़ी की आशंका नहीं है फिर भी ऐहतियात के तौर पर आवश्यक प्रबंध किये गये हैं। उन्होंने बताया कि दुर्गा प्रतिमा विसर्जन को लेकर जनपद की सभी शराब की दुकानें बंद रहेंगी। उन्होंने बताया कि आम जनता को इस पावन पर्व पर कोई कठिनाई नहीं हो सके इसकी पूरी व्यवस्था की गयी है।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राजकरण नैय्यर ने बताया कि शहर व ग्रामीण क्षेत्रों में सुरक्षा के कड़े प्रबंध किये गये हैं, जिससे दुर्गा पूजा महोत्सव और रामलीला को शांतिपूर्वक ढंग से सम्पन्न कराया जा सके।