नयी दिल्ली, दिल्ली की एक अदालत ने पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं अरुणाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री पी के थुंगन को नयी दिल्ली में सरकारी दुकानों के आवंटन में गड़बड़ी के मामले में साढे तीन वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनायी है।
केंद्रीय जांच ब्यूरो के विशेष न्यायाधीश संजीव अग्रवाल ने थुंगन पर एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है। यह मामला 1993-94 के दौरान सरकारी दुकानों के आवंटन में भ्रष्टाचार और रिश्वत लेने से जुड़ा है। श्री थुंगन इस दौरान केंद्र की श्री पी वी नरसिम्हा राव नीत कांग्रेस सरकार में शहरी मामले एवं रोजगार राज्य मंत्री थे।
अदालत ने इस मामले में दो अन्य आरोपियों लखपा त्सेरिंग और कृष्णा को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया। न्यायमूर्ति अग्रवाल ने कहा “यह पाया गया है कि आरोपी शीला काैल और थुंगन ने सरकारी दुकानों के आवंटन के लिए रिश्वत लेकर गैरकानूनी तरीके से कई लोगों को दुकानें आवंटित की जो भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत दंडनीय अपराध है।
उन्होंने कहा कि शीला कौल का पहले ही निधन हो चुका है इसलिए उनके खिलाफ पहले ही मामला समाप्त हो जाता है और श्री थुंगन को दोषी करार दिया जाता है।