अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के लिए, कई बार बहुत छोटे-छोटे प्रयासों से बड़ा असर होता है।
श्री मोदी ने कहा कि अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के लिए, कई बार बहुत छोटे-छोटे प्रयासों से बड़ा असर होता है। जैसे एक विषय है, बिना बिल लिए, सामान खरीदने की आदत। लोगों को लगता है कि इससे हमारा तो कोई नुकसान हो नहीं रहा है, इसलिए वो अक्सर बिल के लिए दबाव भी नहीं करते। जितना ज्यादा लोगों को ये पता चलेगा कि बिल लेने से देश का फायदा होता है, देश प्रगति की राह पर जाने के लिए ये बहुत बड़ी व्यवस्था विकसित होती है और फिर देखिएगा, लोग आगे बढ़कर के बिल की मांग जरूर करेंगे। हमें बस लोगों को ज्यादा से ज्यादा जागरूक करने की जरूरत है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि कोरोना वैश्विक महामारी के दौरान भारत की वित्तीय और मौद्रिक नीति का प्रभाव आज पूरा विश्व देख रहा है। ये बीते 9 वर्षों में भारत की इकॉनॉमी के फंडामेंटल्स को मजबूत करने के सरकार के प्रयासों का ही नतीजा है। एक समय था जब भारत पर भरोसा करने से पहले भी सौ बार सोचा जाता था। हमारी अर्थव्यवस्था हो, हमारा बजट हो, हमारे लक्ष्य हों, जब भी इनकी चर्चा होती थी तो शुरुआत एक प्रश्नवाचक के साथ होती थी और उसका अंत भी एक प्रश्नवाचक से ही होता था। अब जब भारत वित्तीय अनुशासन , पारदर्शिता और समग्र अप्रोच को लेकर चल रहा है तो एक बहुत बड़ा बदलाव भी हम देख रहे हैं। अब चर्चा की शुरुआत पहले की तरह प्रश्नवाचक की जगह विश्वास ने ले ली है और चर्चा के अंत वाले समय में भी प्रश्नवाचक की जगह अपेक्षा ने ले ली है। आज भारत को वैश्विक अर्थव्यवस्था का चमकता केन्द्र कहा जा रहा है। भारत आज जी-20 की अध्यक्षता का दायित्व भी उठा रहा है। 2021-22 में अब तक का सबसे ज्यादा प्रत्यक्ष विदेशी निवेश देश को प्राप्त हुआ है। इस निवेश का बड़ा हिस्सा मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में हुआ है। पीएलआई स्कीम का लाभ उठाने के लिए लगातार एप्लिकेशन आ रही हैं। हम ग्लोबल सप्लाई चेन का अहम हिस्सा भी बनते जा रहे हैं। निश्चित तौर पर ये कालखंड भारत के लिए बहुत बड़ा अवसर लेकर आया है और हमें ये मौका जाने नहीं देना चाहिए इसका पूरा लाभ भुनाना चाहिए और मिलकर के करना चाहिए।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के आर्थिक विकास का फायदा हर वर्ग तक पहुंचे, हर व्यक्ति को मिले, आप सभी को इस सोच के साथ ही काम करना चाहिए। इसके लिए कुशन पेशेवरों का एक बड़ा पूल भी तैयार करना होगा।