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आईटी दिग्गज विशाल सिक्का और अजीम प्रेमजी ने लिखे एंप्लॉयीज के नाम खत

ajim-and-sikkaबेंगलुरु, देश की दिग्गज आईटी कंपनियों विप्रो और इन्फोसिस के प्रमुखों ने अपने एंप्लॉयीज को पत्र लिखकर आने वाले समय में गंभीर खतरों को लेकर चेतावनी दी है। विप्रो के चेयरमैन अजीम प्रेमजी ने एंप्लॉयीज के नाम लिखे पत्र में राजनीतिक, सामाजिक और पर्यावरण से जुड़ी समस्याओं पर फोकस किया है।

प्रेमजी ने लिखा, तेजी से पैदा होता पर्यावरण का संकट और दुनिया की ताकतों द्वारा विश्व को संघर्ष का मैदान बनाने से मुश्किलें बढ़ रही हैं। दूसरी तरफ इन्फोसिस के सीईओ विशाल सिक्का ने अपने पत्र में भारतीय आईटी इंडस्ट्री में किसी नए आविष्कार की कमी और ऑटोमेशन को अपनाने में पीछे रहने की बात पर ध्यान दिलाया है। सिक्का ने लिखा कि आईटी जैसी ग्लोबल इंडस्ट्री के सामने हालिया राजनीति और सामाजिक घटनाक्रम ने बड़े खतरे पैदा किए हैं।

प्रेमजी ने अपने पत्र में 4 सिद्धातों की बात करते हुए दुनिया के समान प्लेटफॉर्म पर आने, एक-दूसरे का सम्मान करने, समाज से जुड़ने और ईमानदारी एवं समन्वय जैसे मूल्यों पर डटने को तवज्जो दी है। प्रेमजी ने अपने पत्र में लिखा, सार्वजनिक जीवन में शामिल लोग ही बदलाव नहीं कर सकते। इसके लिए हम लोगों में से हर एक को अपनी भूमिका में कुछ बदलाव के लिए काम करना होगा। एक कंपनी के तौर पर हम भी बड़े बदलाव की ओर बढ़ सकते हैं। अपनी आधी संपत्ति सामाजिक कार्यों के लिए दान करने वाले अरबपति कारोबारी अजीम प्रेमजी ने अपने पत्र में राजस्थान के सिरोही के अपने हालिया दौरे का भी जिक्र किया है। इस दौरान उनसे स्कूल की छात्रा ने उनकी उपलब्धियों के बारे में पूछा था।

प्रेमजी फाउंडेशन की ओर से इस स्कूल को मदद दी जाती है। प्रेमजी ने कहा कि इस सवाल से उन्हें खासतौर पर खुशी मिली। प्रेमजी ने लिखा, इससे पहले मुझसे ऐसा सवाल नहीं पूछा गया था। लेकिन, उस छात्रा ने मेरे से जो सवाल पूछा वह बालमन की सहज जिज्ञासा जैसा था, जिसने मुझे सही दृष्टि देने का काम किया। सबसे बड़ा काम यह है कि किस तरह से फाउंडेशन के जरिए हम कैसे कुछ लोगों में भरोसा जगा पा रहे हैं, एक सोच विकसित कर पा रहे हैं और लोगों में मानवीय मूल्य पैदा करने में सफल हो रहे हैं। तकनीक के मुताबिक न बदले तो होगी मुश्किल: विशाल सिक्का ने अपने एंप्लॉयीज को ऑटोमेशन को तेजी से अपनाने की सलाह दी ताकि तेजी से बदलती तकनीक की दुनिया में खुद को बनाए रखा जा सके। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में भारत की आईटी इंडस्ट्री के लिेए कठिन समय रहने वाला है, यदि हम कम लागत और रिऐक्टिव प्रॉब्लम सॉल्वर्स की तरह से काम करते रहे।

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