लखनऊ, प्रदेश के व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास मंत्री श्री अभिषेक मिश्रा ने कहा कि खादी को पहले राजनीतिज्ञ लोग पहना करते थे लेकिन आज खादी वस्त्र फैशन में आ गये हैं और अब इसे युवा पीढ़ी भी बड़े शौक से अपना रही है। उन्होंने कहा कि खादी एवं ग्रामोद्योग कार्यक्रम सबसे कमजोर एवं परम्परागत कारीगरों सहित आज के परिप्रेक्ष्य में शिक्षित युवक-युवतियों के लिए भी स्वरोजगार पैदा करने का एक बेहतर माध्यम है। उन्होंने कहा कि आज फैशन इन्स्टीट्यूट से निकलने वाले छात्र-छात्राएं खादी वस्त्रों की फैशन डिजाइनिंग कर उन्हें लोकप्रिय बना रहे हैं। रायबरेली में स्थापित फैशन टेक्नाॅलोजी इन्स्टीट्यूट इस दिशा में खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड के साथ मिलकर उल्लेखनीय कार्य कर रहा है।
श्री मिश्रा ने बताया कि पूर्व सरकार द्वारा खादी पर रिबेट की धनराशि कम स्वीकृत की गयी थी, जिसके कारण खादी की संस्थाओं पर अधिक मार पड़ी। उन्होंने यह भी बताया कि सरकार गठन के उपरान्त प्रदेश के मुख्यमंत्री जी द्वारा खादी संस्थाओं के विगत वर्षों के लम्बित रिबेट की धनराशि रु0 113.60 करोड़ का भुगतान कराया गया तथा वर्तमान वर्ष में रिबेट दावों के भुगतान हेतु धनराशि रु0 20.00 करोड़ की व्यवस्था की गयी है। उन्होंने प्रदर्शनी में स्टाल लगाने वाले लोगों से कहा कि 24 नवम्बर के बाद 25 नवम्बर से शुरू होने वाले लखनऊ महोत्सव में वे अपने स्टाल लगायें ताकि उनकी बिक्री और बढ़े तथा लोगों को भी खादी सामग्री को खरीदने का पर्याप्त अवसर मिल सके। उन्होंने कहा कि खादीे वस्त्र को कम से कम हफ्ते में एक बार अवश्य पहनना चाहिए।
श्री मिश्र आज यहां जनेश्वर मिश्रा पार्क में खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड द्वारा आयोजित राज्य स्तरीय खादी प्रदर्शनी का उद्घाटन कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा राज्य में खादी एवं ग्रामोद्योग को बढ़ावा देने का सतत् प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि ग्रामोद्योग क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले उद्यमियों को पुरस्कृत किये जाने की योजना लागू की गयी है। खादी एवं ग्रामोद्योग क्षेत्र रोजगार प्रदान करने का सशक्त माध्यम है, जिसके विकास हेतु वह एक सिपाही की भांति खड़े हैं।
इस अवसर पर श्री अभिषेक मिश्र द्वारा राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा पर माल्यार्पण के साथ-साथ प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया गया।
प्रदर्शनी के उद्घाटन के अवसर पर उ0प्र0 खादी तथा ग्रामोद्योग बोर्ड के मुख्य कार्यपालक अधिकारी डा0 अखिलेश कुमार मिश्रा ने विभागीय योजनाओं के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि वर्तमान वित्तीय वर्ष में मुख्यमंत्री ग्रामोद्योग रोजगार योजना में रु0 100 करोड़ का पंूजीनिवेश करते हुए 2000 इकाईयों की स्थापना की जायेगी, जिससे 40000 लोगों को रोजगार उपलब्ध कराया जायेगा, जिसमें से वर्तमान में 15000 लोगों को रोजगार दिया जा चुका है। इसी प्रकार प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के अन्तर्गत रु0 116.83 करोड़ का पूंजीनिवेश करते हुए लगभग 1947 इकाईयों की स्थापना करा कर 15576 व्यक्तियों को वर्तमान वित्तीय वर्ष 2016-17 में रोजगार के अवसर उपलब्ध कराये जाने का लक्ष्य है।
प्रदेश स्तरीय खादी एवं ग्रामोद्योग प्रदर्शनी में 176 स्टाल हैं, जिसमें भारत के सभी प्रान्तों के खादी एवं ग्रामोद्योग क्षेत्र के उद्यमियों द्वारा अपने उत्कृष्ट उत्पादों का प्रदर्शन एवं बिक्री की जा रही है, जनता की मांग को देखते हुए खादी एवं ग्रामोद्योग प्रदर्शनी प्रत्येक वर्ष आयोजित की जाती है। गत वर्ष भी लखनऊ में प्रदर्शनी का आयोजन किया गया था, जिसमें लगभग 2.50 करोड़ रुपये की बिक्री हुई थी जो अपने आप में एक रिकार्ड है। मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने कहा कि इस वर्ष कम से कम 3.00 करोड़ रुपये की बिक्री के लक्ष्य को प्राप्त करना है। प्रदर्शनी में प्रत्येक दिन अलग-अलग सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जा रहा है। प्रदेश के सभी वर्गों एवं महानुभावों से सहयोग मिल रहा है।
खादी वस्त्रों को जन सामान्य में अधिक लोकप्रिय बनाने तथा युवाओं को खादी की ओर आकर्षित करने के उद्देश्य से सायं 6.00 बजे से खादी फैशन-शो का आयोजन किया गया, जिसमें प्रदेश तथा देश की प्रतिष्ठित माडलों द्वारा खादी परिधान पहन कर कैटवाक किया गया। इस अवसर पर प्रमुख सचिव, खादी एवं ग्रामोद्योग, उ0प्र0 शासन, सचिव, खादी एवं ग्रामोद्योग, उ0प्र0 शासन, एवं अन्य गणमान्य अतिथिगण उपस्थित थे।