लंदन, न्यूजीलैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज के दौरान अपने नस्लभेदी और लिंगभेदी संबंधी ट्वीट सार्वजनिक होने के बाद इंग्लैंड एंड वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) की ओर से आठ मैचों के लिए निलंबित किए जाने के बावजूद इंग्लैंड के तेज गेंदबाज ओली रॉबिन्सन अपने क्रिकेट करियर को फिर से शुरू करने के योग्य हो गए हैं।
दरअसल 30 जून को हुई सुनवाई में तीन सदस्यीय क्रिकेट अनुशासन आयोग (सीडीसी) ने रॉबिंसन को आठ मैचों के लिए निलंबत किया, जिनमें से पांच मैचों के प्रतिबंध की सजा को अगले दो साल तक के लिए निलंबित रखा गया है, जबकि अन्य तीन मैचों के प्रतिबंध को पूरा समझा गया है, क्योंकि रॉबिन्सन प्रतिबंध के चलते बीते महीने न्यूजीलैंड के खिलफ दूसरा टेस्ट मैच नहीं खेल पाए थे। इसके अलावा उन्होंने टी-20 बलास्ट के दो मैचों से भी अपना नाम वापस ले लिया था। रॉबिन्सन पर 3200 पॉन्ड यानी 3.29 लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया है, हालांकि अब वह इंग्लैंड की तरफ से खेलने के लिए पूरी तरह स्वतंत्र हैं। समझा जाता है कि रॉबिन्सन भारत के खिलाफ चार अगस्त से शुरू होने वाली टेस्ट सीरीज में हिस्सा ले सकते हैं।
क्रिकेट अनुशासन आयोग ने यह भी सिफारिश की है कि रॉबिन्सन अगले दो वर्षों में प्रोफेशनल क्रिकेटर्स एसोसिएशन (पीसीए) द्वारा निर्देशित सोशल मीडिया के उपयोग और भेदभाव-विरोधी संबंधी सभी प्रशिक्षण कार्यक्रमों में भाग लें।
उल्लेखनीय है कि रॉबिन्सन ने कई आपत्तिजनक ट्वीट्स में ईसीबी निर्देशों 3.3 और 3.4 का उल्लंघन करना स्वीकार किया था, जो 2012 और 2014 के बीच पोस्ट किए गए थे, तब वह 18 वर्ष के थे। न्यूजीलैंड के खिलाफ उनके टेस्ट पदार्पण के समय उनके ये आपत्तिजनक ट्वीट्स सार्वजनिक हो गए थे।