रायपुर. आदिवासी नेता सोनी सोरी ने आरोप लगाया है कि बस्तर के पुलिस महानिरीक्षक शिवराम प्रसाद कल्लुरी के इशारे पर उन पर बस्तर में हमला किया गया था। इन आरोपों पर कल्लुरी के कथित रूप से सोनी सोरी को ‘बाज़ारू औरत’ कहे जाने पर विवाद शुरू हो गया है। जब एक संवाददाता ने सोनी सोरी के मसले पर कल्लुरी से बात की तो उन्होंने कहा कि वे जनता की सेवा करने के लिए आईपीएस बने हैं। उन्हें नौकरी करने दिया जाए. किसी बाज़ारू औरत के आरोपों का जवाब देने के लिए उनके पास समय नहीं है।
राज्य के गृहमंत्री अजय चंद्राकर का मानना है कि ये टिप्पणी कल्लुरी और सोनी सोरी के बीच का व्यक्तिगत स्तर का मामला लगता है। राज्य की महिला, बाल विकास एवं समाज कल्याण मंत्री रमशिला साहू ने सोनी सोरी के लिए कथित रुप से ‘बाज़ारू’ शब्द के उपयोग पर कड़ी आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा, “किसी भी स्थिति में किसी महिला के लिए इस तरह की टिप्पणी नहीं की जा सकती है. यह किसी महिला को हतोत्साहित करने का काम है।”
आदिवासी नेता सोरी ने आरोप लगाया है कि इस हमले से आईजी के अलावा किसी और को कोई फायदा नहीं मिलने वाला था। वे मुझे और मेरे रिश्तेदारों को साल भर से परेशान कर रहे हैं। दिल्ली से इलाज कराकर लौटी सोनी ने यह बात मीडिया से की। सोरी ने यह भी कहा कि दिल्ली से इलाज के बाद भी मेरे चेहरे में केमिकल से जलने के निशान मौजूद हैं, यही निशान मेरी ताकत बनेंगे। अब मैं बस्तर में फिर से निर्दोष आदिवासियों के हक की लड़ाई लड़ूंगी।उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस ने उनकी बहन और बहनोई अजय मरकाम का अपहरण कर लिया था, जिन्हें देर रात छोड़ा गया.सोनी सोरी ने कहा कि मेरे पूरे परिवार को जान से मारने की धमकी दी जा रही है। मेरी छोटी बहन और उनके पति को पुलिस ने घर से उठा लिया, जिन्हें बड़ी मुश्किल से शुक्रवार की रात को छोड़ा गया।
आदिवासी नेता सोनी सोरी पर 20 फ़रवरी को बस्तर के बास्तानार इलाके में उस समय हमला किया गया था, जब वे अपनी एक सहयोगी के साथ अपने घर लौट रही थीं।
इस बारे में आईजी कल्लूरी ने कहा कि एसआईटी मामले की जांच कर रही है।