गुवाहाटी, गुवाहाटी की एक मजिस्ट्रेट अदालत ने कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के खिलाफ आपराधिक मानहानि के मामले में उन्हें तलब किया जाए या नही, इस बात पर अपना फैसला आठ अगस्त तक के लिए आज टाल दिया। आरएसएस के एक कार्यकर्ता अंजन बोरा ने कामरूप के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट सीजेएम की अदालत में राहुल गांधी के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मामला दर्ज कराया था। बोरा ने दावा किया कि राहुल गांधी ने यह कहकर आरएसएस की छवि धूमिल की कि आरएसएस के कार्यकर्ताओं ने असम में 12 दिसंबर, 2015 को बारपेटा सत्र में उन्हें प्रवेश नहीं करने दिया था। बारपेटा सत्र 16 वीं सदी का वैष्णव मठ है। बोरा ने कहा कि गांधी सत्र में जाने वाले थे लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया और उसके बजाय वह पदयात्रा में शामिल हुए। दो दिन बाद उन्होंने 14 दिसंबर को नयी दिल्ली में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि उन्होंने सत्र में जाने की कोशिश की लेकिन उसके निर्वाचित सदस्यों एवं आरएसएस समर्थकों ने उन्हें ऐसा करने से रोक दिया। सीजेएम संजोय हजारिका ने कहा कि वह आठ अगस्त को आदेश जारी करेंगे।