मुंबई, विश्व बाजार की तेजी से उत्साहित निवेशकों की हुई लिवाली से बीते सप्ताह करीब एक प्रतिशत की मजबूती पर रहे घरेलू शेयर बाजार पर अगले सप्ताह आर्थिक विकास के मजबूत आंकड़ों का असर रहेगा।
बीते सप्ताह बीएसई का संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 500.65 अंक अर्थात 0.8 प्रतिशत की तेजी लेकर सप्ताहांत पर 65387.16 अंक और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी 169.5 अंक यानी 0.9 प्रतिशत चढ़कर 19435.30 अंक पर पहुंच गया।
समीक्षाधीन सप्ताह में बीएसई की दिग्गज कंपनियों की तरह मझौली और छोटी कंपनियों के शेयरों में भी जमकर लिवाली हुई। इससे सप्ताहांत पर मिडकैप 717.71 अंक अर्थात 2.3 प्रतिशत उछलकर 31435.62 अंक और स्मॉलकैप 1364.57 अंक यानी 3.8 प्रतिशत की छलांग लगाकर 37420.53 अंक पर रहा।
विश्लेषकों के अनुसार, वर्तमान में, घरेलू आर्थिक प्रणाली का विस्तार जारी है। चालू वित्त वर्ष क पहली तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) फिर से बढ़कर 7.8 प्रतिशत हो गया है, और पीएमआई सूचकांक भी 58.6 तक बढ़ गया है। इसके अलावा, जनवरी 2021 के बाद से नए ऑर्डर में सबसे अधिक वृद्धि हुई, जो लगभग तीन वर्षों में सबसे बड़ी वृद्धि है। चीन और अमेरिका जैसे देशों की मजबूत मांग से निर्यात नौ महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया।
वहीं, इस बीच रोजगार वृद्धि चार महीनों में सबसे धीमी रही। लेकिन, खरीददारी का स्तर तेजी से बढ़ा, जो 12 वर्षों में सबसे तेज वृद्धि में से एक है, जिससे मुद्रास्फीति ऊंची बनी हुई। जैसे-जैसे देश की आर्थिक प्रणाली में तेजी आ रही है, बाजार में जोखिम वाली परिसंपत्तियों की मांग बढ़ गई है, जिससे निफ्टी 50 में तेजी का रुख है।
अमेरिकी अनाज का रकबा बढ़ा, जो पिछले सात वर्ष में सबसे अधिक वार्षिक वृद्धि है। ब्राजील की मकई की फसल रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गई, और काला सागर क्षेत्र के देशों ने मिलकर गेहूं की कीमतें कम कर दीं। इससे बाजार में घबराहट धीरे-धीरे कम हो गई है। VIX संकेतकों से यह भी पता चलता है कि बाजार आर्थिक प्रणाली के बारे में अपेक्षाकृत आशावादी है लेकिन निकट भविष्य में जोखिम परिसंपत्तियों में वृद्धि जारी रहने की उम्मीद है।