शाहजहांपुर, उत्तर प्रदेश में शाहजहांपुर जिले के चौक कोतवाली क्षेत्र में रहने वाले पीड़िता का परिवार ने कथावाचक आसाराम को सात दिनो की पैरोल मिलने पर पीड़िता का परिवार काफी भयभीत है। पीड़िता के पिता ने और सुरक्षा बढ़ाने की मांग की है।
शाहजहांपुर निवासी पीड़िता के साथ आसाराम बापू ने अपने जोधपुर स्थित आश्रम में 2013 में दुराचार किया था जिसके बाद एक सितंबर 2013 में उसे जेल भेज दिया गया। 2018 में आसाराम बापू को आजीवन कारावास की सजा हो गई जिसके बाद अब जोधपुर उच्च न्यायालय ने उसे सात दिन के इलाज के लिये पैरोल दी है।
पैरोल पर आसाराम के जेल से वापस आने के बाद से पीड़िता का परिवार काफी भयभीत है। पीड़िता के पिता ने घर पर तैनात पुलिस बल को न के बराबर बताया है।
पुलिस अधीक्षक अशोक कुमार मीणा ने शुक्रवार को बताया कि पीड़िता के घर पर पुलिस बल पूर्व में ही तैनात है, साथ ही पीड़िता के पिता को न्यायालय या कार्यों के लिए बाहर जाना पड़ता है। ऐसे में उनकी मांग पर उन्हें भी एक गनर उपलब्ध कराया गया है उन्होंने कहा कि हम पीड़ित परिवार के साथ हैं।
उन्होंने कहा कि हमने अपने अधिकारियों को भी निर्देश दिए हैं कि पीड़िता के परिवार की सुरक्षा की समीक्षा करें तथा अगर लगता है कि परिवार की सुरक्षा में पुलिस बल बढ़ाया जाए तो उसे भी हम बढ़ाएंगे। संबंधित कोतवाली पुलिस को भी नियमित सुरक्षा व्यवस्था की चेकिंग करने के निर्देश जारी किए गए हैं।
वहीं पीड़िता के पिता ने बताया कि उनके यहां जो पुलिस बल है वह न के बराबर है ऐसे में पुलिस बल को बढ़ाया जाना चाहिए क्योंकि जब आसाराम जेल के अंदर था तब यहां उसके मुकदमे के मुख्य गवाह कृपाल सिंह की (35) की 10 जुलाई 2015 को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी तथा मुजफ्फरनगर में एक गवाह को गोली मार कर हत्या की गई थी।
उन्होंने बताया कि इसके बाद 4 साल पहले शाहजहांपुर जेल में आसाराम का बैनर लगाकर उनके अनुयायियों ने कंबल का वितरण किया था तथा उसके घर पर धमकी बड़ा पत्र भी भेजा गया था एवं अभी जल्दी ही एक वीडियो एडिट करके भी लोगों ने आसाराम के अनुयायियों में भ्रम पैदा किया था इन्हीं सबके चलते वह और उनके परिवार आसाराम को पैरोल पर बाहर आने के बाद से काफी भयभीत है क्योंकि आसाराम इलाज के बहाने अब जेल से बाहर आ गया है।