नई दिल्ली, भारतीय वनडे और टी-20 टीमों के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के ढाई महीने में अपना पहला अंतरराष्ट्रीय मैच खेलने की संभावना है, लेकिन ऐसा लगता है कि वह इससे पहले कोई भी अधिकारिक मैच नहीं खेल सकेंगे। भारत इंग्लैंड के खिलाफ वनडे सीरीज का पहला मैच 15 जनवरी को पुणे में खेला जाएगा। 29 अक्टूबर को विशाखापत्तनम में न्यूजीलैंड के खिलाफ सीरीज के अंतिम वनडे के बाद उम्मीद के मुताबिक यह ढाई महीनों में धोनी का पहला अंतरराष्ट्रीय मैच होगा। बिना तैयारी के मैदान पर उतरना धोनी के साथ-साथ भारत के लिए भी भारी पड़ सकता है। चोटिल खिलाड़ियों के लिए प्रोटोकॉल है कि उन्हें राष्ट्रीय टीम में चयन के लिए खुद के नाम पर विचार कराने के लिए कम से कम एक प्रथम श्रेणी मैच खेलना होता है, लेकिन धोनी पर यह लागू नहीं होता, जो पहले ही लंबी अवधि के प्रारूप से संन्यास की घोषणा कर चुके हैं।
महेंद्र सिंह धोनी ने 2015 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वनडे और टी-20 सीरीज की तैयारी के लिए झारखंड की ओर से विजय हजारे ट्रॉफी खेली थी। हालांकि, इस बार इस ट्रॉफी के मुकाबले 25 फरवरी से शुरू होंगे जो जो इंग्लैंड के खिलाफ वनडे सीरीज के करीब चार सप्ताह बाद शुरू होगी। सीनियर चयन समिति के अध्यक्ष एमएसके प्रसाद ने रविवार को कहा, हमें कोई सूचना नहीं है कि धोनी कोई रणजी ट्रॉफी मैच खेलेंगे या नहीं। वैसे भी वह लंबी अवधि के प्रारूप से पहले ही संन्यास ले चुके हैं। हमें जो सूचना मिली है उसके अनुसार वह झारखंड की टीम के साथ नियमित रूप से अभ्यास कर रहे हैं। झारखंड राय क्रिकेट संघ के सचिव राजेश वर्मा ने साफ किया, धोनी झारखंड की टीम के मेंटर हैं। वह विजय हजारे ट्रॉफी में झारखंड के लिए खेलेंगे। धोनी दिल्ली में तब झारखंड की टीम के साथ थे जब उसने करनैल सिंह स्टेडियम में महाराष्ट्र के खिलाफ मैच खेला था। वह वरुण एरोन की अगुआई वाली टीम का उत्साह बढ़ाने के लिए प्रतिदिन ड्रेसिंग रूम में आते थे। उन्होंने यहां से रवाना होने से पहले खिलाड़ियों के साथ फुटबॉल सत्र में भी हिस्सा लिया था।