नयी दिल्ली, मानसून के इस साल एक सप्ताह की देरी से आने के बाद इसकी प्रगति भी धीमी है तथा 01 जून से 22 जून की अवधि में देश में मानसूनी बारिश औसत से 39 प्रतिशत कम दर्ज की गयी है।
मौसम विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार, 01 जून से 22 जून तक देश में बारिश का औसत 107.1 मिलिमीटर है। इस साल मात्र 65 मिलिमीटर बारिश हुई है। इस प्रकार इसमें 39.3 प्रतिशत की गिरावट आयी है। खास बात यह है कि मौसम विभाग देश को जिन 36 उपखंडों में बाँटकर आँकड़े जारी करता है उनमें 25 में इस साल बारिश 20 से 59 प्रतिशत तक कम हुई है तथा छह में 60 से 99 प्रतिशत तक कम बारिश दर्ज की गयी है।
देश के पूर्वी हिस्से में बाद में मानसून ने कुछ गति पकड़ी है, लेकिन मध्य और पश्चिमी भारत में इसकी प्रगति काफी धीमी है। आम तौर पर इस समय तक मानसून गुजरात को पार कर चुका होता है, लेकिन इस साल अब तक यह पूरी तरह से मध्य महाराष्ट्र तक भी नहीं पहुँचा है। मध्य प्रदेश में भी मानसून अभी नहीं पहुँचा है जबकि इस समय तक उसे लगभग पूरे मध्य प्रदेश में आ जाना चाहिये था। पिछले दो दिनों में झारखंड, बिहार और उत्तर प्रदेश में जरूर मानसून ने अचानक गति पकड़ी है और अब इसकी प्रगति सामान्य है। हालाँकि, उत्तर प्रदेश के अधिकतर हिस्सों को अब भी मानसून का इंतजार है।
मानसून के पहले तीन सप्ताह में 01 जून से 22 जून के बीच मध्य भारत में सामान्य से 46.9 प्रतिशत कम बारिश हुई है। सामान्यतया इस दौरान इस हिस्से में 99.6 मिमी बारिश होती है जबकि इस साल मात्र 52.9 मिमी बारिश हुई है। पूर्वी तथा पूर्वोत्तर भारत में 44 प्रतिशत कम बारिश हुई है। इस हिस्से में आम तौर पर पहले 22 दिन में 238 मिमी बारिश होती है, लेकिन इस साल यह आँकड़ा 133.3 मिमी रहा है। दक्षिणी प्रायद्वीपीय क्षेत्र में जून में अब तक मात्र 77 मिमी बारिश हुई है जो पहले 22 दिन के औसत 113.4 मिमी से 32.1 प्रतिशत कम है। इस दौरान उत्तर पश्चिमी भारत में सामान्य से 19.3 प्रतिशत कम बारिश हुई है। यहाँ सामान्यतया इस अवधि में 43.4 मिमी बारिश दर्ज की जाती है जबकि इस साल यह आँकड़ा 35 मिमी रहा है।