केरल/नई दिल्ली, केरल की तीन गोल्ड लोन कंपनियों के पास भारत के कुल रिजर्व का 47 प्रतिशत सोना मौजूद है। यह स्वर्ण भंडार कई अमीर देशों के कुल रिजर्व सोने के भंडार से भी ज्यादा सोना है। फिलहाल इन तीनों कंपनियों के पास 263 टन सोना है।
मुथूट फाइनेंस, मण्णापुरम फाइनेंस और मुथूट फिनकॉर्प के पास करीब 2,63,000 किलोग्राम सोने की आभूषण रखे हुए हैं। यह सोना बेल्जियम, सिंगापुर, स्वीडन और ऑस्ट्रेलिया के पास रखे गोल्ड रिजर्व से भी ज्यादा है। भारत के कुल रिजर्व का 47 प्रतिशत सोना इन तीनों कंपनियों के पास है। वहीं विश्व में सोने की करीब 30 प्रतिशत मांग भारत में है। वहीं अकेले केरल में करीब 2 लाख लोग गोल्ड इंडस्ट्री में काम करते हैं।
मुथूट फाइनेंस, मण्णापुरम फाइनेंस और मुथूट फिनकॉर्प नाम की इन तीन कंपनियों के पास सोने की मात्रा सितंबर 2016 तक 195 टन से बढ़कर 263 टन तक पहुंच गई थी। एक अंग्रेजी अखबार की खबर के अनुसार, मुथूट फाइनेंस के पास 150 टन सोना है। यह दुनिया के अमीर देशों सिंगापुर (127.4 टन), स्वीडन (125.7), ऑस्ट्रेलिया (79.9 टन), कुवैत (79 टन), डेनमार्क (66.5 टन) और फिनलैंड (49.1 टन) के पास रिजर्व के रूप में रखे सोने से भी ज्यादा है। मणप्पुरम फाइनेंस और मुथूट फिनकॉर्प के पास क्रमशः 65.9 और 46.88 टन सोना रखा है। इन तीनों कंपनियों के पास कुल 262.78 टन सोना रखा है। वल्र्ड गोल्ड काउंसिल के मुताबिक, गोल्ड रिजर्व रखने के मामले में भारत दुनिया में ग्यारहवें स्थान पर है। अमेरिका के पास विश्व का सबसे बड़ा गोल्ड रिजर्व मौजूद है। उसके पास कुल 8,134 टन सोना रिजर्व में रखा है। वहीं जर्मनी और आईएमएफ (इंटरनेशनल मॉनिटरी फंड) के पास क्रमशः 3,378 और 2,814 टन सोना है। गोल्ड फील्ड्स मिनरल सर्विसेज (जीएफएमएस) के गोल्ड सर्वे के मुताबिक, भारत सोने का उपभोग करनेवाले देशों में टॉप पर है। साल 2016 के तीसरे तिमाही तक भारत में 107.6 टन सोने की खपत हुई। तुलनात्मक रूप से इसी समय में पूरे यूरोप और नॉर्थ अमेरिका में सिर्फ 67.1 टन सोना खरीदा-बेचा गया। इस मामले में चीन दूसरे नंबर पर रहा, चीन में 2016 में 98.1 टन सोने की खपत हुई।