इमर्जिंग स्टेट के रूप में पहचाना जा रहा है उत्तर प्रदेश : मुख्यमंत्री योगी

गोरखपुर, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि वर्ष 2017 के बाद प्रदेश में इंफ्रास्ट्रक्चर पर ध्यान दिया गया जिसका परिणाम है कि उत्तर प्रदेश अब बीमारू राज्य की बदनामी से उबरकर इमर्जिंग स्टेट के रूप में पहचाना जा रहा है।

मुख्यमंत्री योगी ने 7283:28 करोड़ रुपये की लागत से बने 91.35 किमी लंबे गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे के लोकार्पण के अवसर पर भगवानपुर टोल प्लाजा पर आयोजित जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि समग्र विकास के लिए आवश्यक है कि उसके अनुरूप इंफ्रास्ट्रक्चर का तेज गति से विकास किया जाए। दुनिया के विकसित देशों का विकास उनके बेहतरीन इंफ्रास्ट्रक्चर की ही देन है। वर्ष 2017 के बाद उत्तर प्रदेश में इंफ्रास्ट्रक्चर पर ध्यान दिया गया, उसका ही परिणाम है कि यूपी अब बीमारू राज्य की बदनामी से उबरकर इमर्जिंग स्टेट के रूप में पहचाना जा रहा है। देश की अर्थव्यवस्था का ग्रोथ इंजन बनकर अग्रणी अर्थव्यवस्था के रूप में स्थापित हो रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि 2017 से पहले उत्तर प्रदेश में विकास की बात तो दूर थी, यहां बुनियादी सुविधाओं का भी अभाव था। गरीब कल्याण की योजनाओं का लाभ पात्रों को नहीं मिलता था। परम्परागत उद्यम बंदी के कगार पर थे। एक जिला एक माफिया पिछली सरकारों की देन थी तब विकास की योजनाओं में बंदरबांट और माफिया का वर्चस्व था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में 2017 के बाद का उत्तर प्रदेश माफियामुक्त,गुंडामुक्त और दंगामुक्त राज्य बन चुका है। अब यह देश में पर्यटन और निवेश का बेहतरीन डेस्टिनेशन बन गया है।

उन्होंने कहा कि 2017 के पहले यूपी में यह पता ही नहीं चलता था कि सड़क में गड्ढा है या गड्ढे में सड़कए पर अब यह प्रदेश एक्सप्रेसवे के नए संजाल से अर्थव्यवस्था को रफ्तार दे रहा है। उत्तर प्रदेश में युवाओं के सामने अब पहचान का संकट नहीं है। पांच दिन पूर्व गृह मंत्री अमित शाह की मौजदूगी में 60 हजार से अधिक युवाओं को पुलिस में नियुक्ति का पत्र दिया गया। इसमें 12045 बेटियों की भर्ती हुई है। आजादी के बाद 2017 तक यूपी पुलिस में सिर्फ दस हजार महिलाओं की भर्ती हुई थी जबकि अब यह संख्या 40 हजार से अधिक हो चुकी है।

मुख्यमंत्री ने कहा अब प्रदेश में सरकारी नियुक्तियों पर प्रश्न नहीं होते। अब जातिए क्षेत्र का भेद नहीं होता बल्कि भर्तियां मेरिट के आधार पर और आरक्षण के नियमों के अनुरूप होती हैं। उत्तर प्रदेश अब युवा ऊर्जा को सकारात्मक ऊर्जा में बदलने की दिशा में आगे बढ़ चुका है। उन्होंने बिना दो नेताओं का नाम लिए कहा कि पुलिस सहित सरकारी भर्तियां 2017 के पूर्व में होती तो चाचा.भतीजा की जोड़ी वसूली पर निकल गई होती।

उन्होंने गृह मंत्री के उद्धरण का उल्लेख करते हुए कहा कि यूपी में अब पर्ची.खर्ची के बिना पारदर्शी तरीके से भर्ती होती
है। मुख्यमंत्री ने कहा आठ साल में अकेले यूपी पुलिस में 2.16 लाख भर्ती हुई है जबकि कुल साढ़े आठ लाख से अधिक
सरकारी भर्तियां हुई हैं।

Related Articles

Back to top button