नयी दिल्ली, लोक सभा के पिछले चुनाव में ईवीएम पर कुल 63 लाख 71 हजार 839 मतदाताओं ने नोटा का बटन दबाया जो कुल पड़े वोट का करीब एक प्रतिशत (0.99 प्रतिशत) रहा। वर्ष 2019 के आम चुनाव में नोटा का बटन दबा कर अपने क्षेत्र के सभी उम्मीदवारों के प्रति अस्वीकृति दर्ज कराने वाले मतदाताओं का अनुपात 1.06 प्रतिशत था।
इस बार लोक सभा चुनाव में पंजीकृत ट्रांसजेंडर मतदाताओं (थर्ड जेंडर) मतदाताओं से में एक चौथाई से कुछ अधिक (27.09 प्रतिशत )ही वोट देने आए । विश्व में लोकतंत्र सबसे बड़े महोत्सव से जुड़े ऐसे तमाम रोचक आंकड़े भारतीय चुनाव आयोग की ओर से लोकसभा चुनाव 2024 पर गुरुवार को जारी विस्तृत सांख्यिकी रिपोर्ट में दिये गये हैं।
आयोग ने इसके साथ ही आंध्र प्रदेश तथा ओडिशा सहित 4 राज्यों में इसी वर्ष एक साथ कराये गये विधानसभा चुनावों का विस्तृत डेटा भी आज जारी किया जो शोधकर्ताओं और विश्लेषकों के लिए सूचना का विषद भंडार हैं।
भारत की 18वीं लोक सभा के चुनाव दुनिया में अब तक की सबसे बड़ी लोकतांत्रिक चुनावी कवायद बतायी गयी है। आयोग ने एक विज्ञप्ति में कहा है कि ये आंकड़े विश्व भर के शिक्षाविदों, शोधकर्ताओं, चुनाव पर्यवेक्षकों सहित हितधारकों के लिये जानकारी का एक खजाना हैं।
आयोग ने 2024 के लोकसभा चुनाव के लिये 42 सांख्यिकीय रिपोर्टों का सेट जारी किया है। इसके साथ ही आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, ओडिशा और सिक्किम में पिछले विधानसभा चुनावों की 14 सांख्यिकीय रिपोर्टों का एक विस्तृत डेटा सेट जारी किया है।
इन चारों राज्यों में चुनाव इसी साल एक साथ कराये गये थे।
आयोग ने कहा है, “ इस पहल का उद्देश्य जनता के विश्वास को बढ़ाना है, जो भारत की चुनावी प्रणाली का आधार है। ” आयोग ने कहा है कि विस्तृत डेटा सेट जारी करना आयोग का अधिकतम खुलासा, अधिक पारदर्शिता और शिक्षाविदों, शोध और आम जनता सहित सभी हितधारकों के लिये चुनाव संबंधी डेटा की सुलभता की नीति को आगे बढ़ाने के लिये भी है।”
इन आंकड़ों में संसदीय क्षेत्र ,विधानसभायी निर्वाचन क्षेत्रों राज्यवार मतदाताओं का विवरण, मतदान केंद्रों की संख्या, राज्य/ निर्वाचन क्षेत्रवार मतदाताओं द्वारा मतदान, दलों का वोट में हिस्सा, लिंग-आधारित मतदान व्यवहार, महिला मतदाताओं की राज्यवार भागीदारी, क्षेत्रीय विविधतायें, निर्वाचन क्षेत्र डेटा सारांश रिपोर्ट, राष्ट्रीय/ राज्य दलों/ आरयूपीपी का निष्पादन, जीतने वाले उम्मीदवारों का विश्लेषण और निर्वाचन क्षेत्रवार विस्तृत परिणाम इत्यादि।
आयोग ने कहा है कि शोधकर्ता, नीति निर्माता और पत्रकार अब गहन अंतर्दृष्टि और विश्लेषण करने के लिये तैयार किये गये डेटा के इस खजाने का उपयोग कर सकते हैं।
इस बार लोकसभा चुनाव के लिये पंजीकृत मतदाताओं की संख्या 2019 के 91,19,50,734 की तुलना में 97,97,51,847 थी जो 7.43 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाती है। इस बार 10 लाख 52 हजार 664 मतदान केंद्रों तथा डाकमत के जरिये कुल 64,64,20,869 वोट पड़े थे, जिसमें वोटिंग मशीन (ईवीएम) से पड़े वोटों की संख्या 64,21,39,275 थी।
इस बार के चुनाव में असम के धुबरी निर्वाचन क्षेत्र में सर्वाधिक 92.3 प्रतिशत और जम्म-कश्मीर में श्रीनगर क्षेत्र में सबसे कम 38.7 प्रतिशत मतदान हुआ था।
आंकड़ों के अनुसार 2024 में 12,459 नामांकन दाखिल किये गये, जबकि 2019 में 11692 नामांकन दाखिल किये गये थे।
सर्वाधिक नामांकन वाला संसदीय निर्वाचन क्षेत मलकाजगिरी (तेलंगाना) रहा जहां 114 नामांकन पत्र भरे गये थे। इसके विपरीत सबसे कम नामांकन वाली संसदीय सीट (सूरत को छोड़कर) असम की डिब्रूगढ़ सीट रही, जहां केवल तीन मतदान पत्र प्राप्त हुये थे। वर्ष 2024 के आम चुनावों में, देश भर में दाखिल कुल 12,459 नामांकनों में से नामांकन खारिज होने और नाम वापस लेने के बाद 8,360 उम्मीदवार चुनाव लड़ने के योग्य पाये गये। 2019 के लोकसभा चुनाव में चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों की संख्या 8054 थी।