मुंबई, लंबे समय तक खलनायकी में अपने तेवर दिखाने और रंगीनमिजाजी के लिए विख्यात रहे शक्ति कपूर अब भी नहीं बदले हैं। आज भी मौका मिले, तो नापाक हरकतें करने से बाज नहीं आएंगे लेकिन उनकी हरकतें रीयल नहीं, रील तक सीमित हैं। अपने कैरेक्टर की सही रेंज को पकड़ने के लिए वह किसी भी सीमा तक जा सकते हैं, चाहे वह खलनायकी का घिनौना रूप ही क्यों न हो, जो उन्होंने फिल्म इश्क का मंजन में दिखाया है।
इस फिल्म में शक्ति कपूर बच्चों का अपहरण कर उन्हें जल्द जवान करने की दवाएं देने वाले गिरोह के एजेंट हैं ताकि मार्केट में उन्हें अच्छे दामों पर बेचा जा सके। सीधे तौर पर शक्ति कपूर बच्चों के भविष्य को बरबाद कर रहे हैं और इस काम में उनका सहयोग दे रहे हैं किरण कुमार, जो फिल्म में डॉक्टर बने हैं जिनकी मदद से बच्चों को एक खास तरह का इंजेक्शन दिया जाता है।
शेप एंटरटेन्मेंट, एंबीशन और क्रिएटर्स क्रियू के बैनर तले निर्मित की गई यह फिल्म दर्शकों को यह संदेश देना चाहती है कि स्वार्थ में अंधा होकर ऐसे काम नहीं करने चाहिएं, जो प्रकृति के खिलाफ हों और जो आने वाली पीढ़ी का भविष्य खराब करे। इस फिल्म के निर्माता जयविन्दर भाटी, रामकुमार पावडिया और वीना कुमार हैं तथा निर्देशक रामकुमार हैं। कुल मिलाकर फिल्म एक सार्थक मिशन को लेकर समाज को झकझोरते हुए दर्शकों का मनोरंजन करेंगी। फिल्म में बच्चों के किडनैपिंग बिजनेस का पर्दाफाश करते हुए समाज को आईना दिखाने का प्रयास किया गया है।