नयी दिल्ली, सरकार ने बताया कि करीब दो साल पहले देश में वस्तु एवं सेवा कर लागू होने के बाद से जीएसटी परिषद के विभिन्न निर्णयों से सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों तथा छोटे व्यापारियों को 92,000 करोड़ रुपये का लाभ हुआ है।
वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने प्रश्नकाल के दौरान एक पूरक प्रश्न के उत्तर में कहा कि जीएसटी परिषद ने लगातार छोटे व्यापारियों और एमएसएमई क्षेत्र को राहत दी है ताकि वे जीएसटी के तहत पंजीकरण कराने के लिए आगे आयें। परिषद के विभिन्न निर्णयों से उन्हें अब तक 92,000 करोड़ रुपये का लाभ मिल चुका है। परिषद की पिछली बैठक में भी राहत के कुछ निर्णय लिये गये हैं जिनमें जनवरी से नये और आसान रिटर्न फॉर्म लागू करना शामिल है।
ठाकुर ने बताया कि धीरे-धीरे जीएसटी के ढाँचें में सुधार हो रहा है। शुरुआत में जीएसटी नेटवर्क में जो दिक्कत आयी थी उस पर काम किया गया है और अब बहुत सुधार हुआ है। पिछले महीने एक ही दिन में 21 लाख रिटर्न भरे गये जो बताता है कि जीएसटी नेटवर्क अब पूरी तरह तैयार है।
उन्होंने कहा कि जीएसटी लागू होने से पहले करदाताओं की जो संख्या थी उससे दोगुने करदाता जीएसटी से अब तक जुड़ चुके हैं। चालू वित्त वर्ष के पहले दो महीने में ही कर संग्रह एक साल पहले के संबंधित दो महीनों के मुकाबले आठ प्रतिशत बढ़ गया है। इलेकट्रिक वाहनों पर कर की दर घटाने के बारे में श्री ठाकुर ने कहा कि यह प्रस्ताव जीएसटी परिषद के पास लंबित है और आने वाले समय में इस पर विचार किया जायेगा।