कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी के अलावा चैत्र शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को भी हनुमान जंयती मनाई जाती है। इस बार 19 अप्रैल को हनुमान जयंती है। ज्योतिष के अनुसार इस बार दो शुभ संयोग में हनुमान जन्मोत्सव का पर्व बहुत ही धूमधाम से मनाई जाएगी। हनुमान जयंती पर गजकेसरी योग और चित्रा नक्षत्र बन रहा है। इस शुभ संयोग में बजरंगबली की आराधना करने और कुछ उपाय करने से भगवान हनुमानजी की विशेष कृपा प्राप्ति होती है।
इस दिन अगर आप हनुमान जी के मंदिर में लाल रंग का चोला चढ़ाते हैं तो उसका भी खास लाभ होता है। श्री हनुमान को सिंदूर अतयंत प्रिय है। उनकी पूजा से पहले आप उन्हें सिंदूरी का लेप लगा सकते हैं। इससे जीवन में सकारात्मकता आती है। हनुमान जी को सिंदूर का चोला चढ़ाने से एवं मूर्ति का स्पर्श करने से सकारात्मक ऊर्जा मिलती है। आइये जानते हैं हनुमान जयंती के दिन किन उपायों को करने से भक्त का जीवन बदल सकता है।
हनुमान जयंती में हनुमान जी की पूजा में शुद्धता का बड़ा महत्व है। इसलिए हनुमान जयंती पर उनकी पूजा करते समय अपना तन मन पूरी तरह स्वच्छ कर लें। कहने का मतलब है कि इस दिन ना तो मांस खाएं और ना ही मदिरा का सेवन करें। साथ ही पूजा के दौरान मन में कोई गलत भावना ना रखें।
5 देसी घी के रोटी का भोग हनुमान जयंती पर लगाने से दुश्मनों से मुक्ति मिलती है।
कोरोबार में वृद्धि के लिए हनुमान जयंती को सिंदूरी रंग का लंगोट हनुमानजी को पहनाइए।
हनुमान जी के मंदिर जाएं , उन्हें केसरी रंग का चोला चढ़ाएं और बूंदी के लड्डू का भोग लगाएं। सिर से 8 बार नारियल वारकर हनुमान जी के चरणों में रखें।
हनुमान जयंती के दिन हनुमान जी के मंदिर जा कर उनका कोई भी सरल मंत्र पढ़ें और हनुमान चालीसा का 11 बार पाठ करें। फिर हनुमान जी के सामने सरसों के तेल का दीपक जलाएं और उसमें लौंग डालें। ऐसा करने से आपके सभी कष्ट दूर हो जाएंगे।
हनुमान जी को खुश करना है तो इस दिन उनकी मूर्ति के ऊपर गुलाब की माला चढ़ाएं। इसके बाद एक नारियल पर स्वस्तिक बनाएं। इस नारियल को हनुमान जी को अर्पित करें। इससे अगर आपके जीवन में कोई बुरा समय चल रहा होगा तो वह कट जाएगा।
यदि आप पैसों की तंगी से परेशान हैं तो हुनमान जयंती पर किसी पीपल के पेड़ के 11 पत्ते तोड़ लें और उस पर श्रीराम का नाम लिख हनुमान जी को चढ़ा दें।
हनुमान जी को विशेष पान का बीड़ा चढ़ाएं। इसमें सभी मुलायम चीजें डलवाएं, जैसे खोपरा बूरा, गुलकंद, बादाम कतरी आदि।