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उत्तर प्रदेश के 17 पैरालंपिक विजेता सम्मानित

मेरठ, पैरालंपिक खेलों में भारत को 19 पदक दिलाने वाले 17 खिलाड़ियों और उत्तर प्रदेश की ओर से इन खेलों में शामिल होने वाले छह पैरा खिलाड़ियों को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरूवार को यहां मोदीपुरम स्थित सरदार वल्लभ भाई पटेल कृषि विश्वविद्यालय में सम्मानित किया।

सम्मान समारोह में शामिल होने प्रदेश के तमाम जिलों से कुल 933 पैरा खिलाड़ी बुधवार को ही मेरठ पहुंच गये थे, जिनमें 840 पुरूष और 93 महिला थीं। जबकि 44 खिलाड़ी ऐसे थे जिनके लिये कार्यक्रम स्थल पर विशेष रूप से व्हील चेयर की व्यवस्था की गई थी। इस मौके पर केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर भी मौजूद रहे।

इस मौके पर अपने संबोधन में योगी आदित्यनाथ ने कहा कि मेरठ को विश्व स्तर पर खेल के समान के उत्पाद के नाम से जाना जाता है इसलिये यहां खेल विश्वविद्यालय खोलने का निर्णय प्रदेश सरकार ने लिया है, जिसका काम जल्द शुरु कर दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि पैरालंपिक में स्वर्ण पदक जीतने वालों को 2 करोड़, रजत को डेढ़ करोड़ और कांस्य पदक को एक करोड़ और प्रतिभागी को 25 लाख की पुरस्कार राशि आज प्रदान की गई है।

योगी ने कहा कि खेल हो या अन्य कोई काम अगर अच्छा किया जायेगा तो उनकी सरकार उसे सम्मानित करने में देर नहीं करेगी। नोएडा के जिला मजिस्ट्रेट सुहास एल वाई की कोरोना प्रबंधन की सराहना करते हुए घोषणा की कि राज्य सरकार ने सुहास को पांच वेतन वृद्धि दी है, जो एक रिकॉर्ड है।

प्रदेश के खेल मंत्री उपेंद्र तिवारी ने कहा कि गत 73 वर्षों से पैरा खिलाड़ियों की मांग लंबित थी कि उन्हें भी अन्य खिलाड़ियों की तरह मान सम्मान मिलना चाहिये, इसे पूरा किया गया है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में कुश्ती एकेडमी की स्थापना की गई। इसके अलावा तमाम 75 जिलों में खेल आधारभूत संरचना की व्यवस्था भी की गई है और अनुदान की धनराशि पांच लाख से बढा कर 25 लाख कर दी गई है।

सिटी मजिस्ट्रेट अमित कुमार भट्ट ने बताया कि प्रदेश के तमाम 75 जिलों को तीन जोन में बांटकर वरिष्ठ अफसरों को नोडल अधिकारी बनाया गया था। इसके अलावा कार्यक्रम की व्यवस्था और सुरक्षा में कुल 64 मजिस्ट्रेट और अन्य अफसर तैनात रहे।

पैरा खिलाड़ियों के भव्य स्वागत के लिये जगह जगह चौराहों को सजाया गया था। इसके अलावा उनके उत्साह वर्धन के लिये स्कूली बच्चों द्वारा बैंड बाजे के साथ पुष्प वर्षा भी की गई।

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रभाकर चौधरी ने बताया कि हेलीकॉप्टर लैंडिंग में परेशानी आने की वजह से मुख्यमंत्री सड़क मार्ग द्वारा दिल्ली मेरठ एक्सप्रेस वे से होते हुए कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे। जिसके कारण कार्यक्रम में विलम्ब हो गया।