sugarलखनऊ, उत्तर प्रदेश के मेरठ परिक्षेत्र की मोदीनगर चीनी मिल द्वारा 25 अक्टूबर से गन्ना खरीद प्रारम्भ करते हुये पर्चियां जारी करते हुए पेराई कार्य 27 अक्टूबर से शुरू किया जाएगा। गन्ना आयुक्त संजय भूसरेड्डी ने बताया कि सहारनपुर, मेरठ, मुरादाबाद, बरेली व लखनऊ परिक्षेत्रों की अधिकतर चीनी मिले 30 अक्टूबर तक इण्डेन्ट जारी कर दिपावली से पूर्व कार्य शुरू कर देगी।
गन्ना मंत्री सुरेश राणा के मार्गदर्शन में चीनी मिलों के शीघ्र संचालन हेतु कार्य योजना बनायी गयी जिसके फलस्वरूप प्रदेश में पेराई सत्र 2018.19 में संचालन के लिए प्रस्तावित पश्चिमी उत्तर प्रदेश के चार परिक्षेत्रों सहारनपुरए मेरठए मुरादाबाद व बरेली की 73 चीनी मिलों के द्वारा ब्वालयर फायरिंग एवं पूजन की तिथिए इन्डेन्ट जारी करनेए संचालन हेतु मूहूर्त एवं मिल संचालन की तिथि की सूचना विभाग को उपलब्ध करा दी है।
उन्होंने बताया कि प्रदेश में सर्वप्रथम मेरठ परिक्षेत्र की मोदीनगर शुगर मिल द्वारा कृषकों को तौल हेतु 25 अक्टूबरए का इण्डेन्ट जारी करते हुये किसानों को इण्डेन्ट के अनुसार पर्चियां उपलब्ध करा दी गई है तथा 27 अक्टूबर 2018 से पेराई कार्य प्रारम्भ कर दिया जायेगा। भूसरेड्डी ने बताया कि सहारनपुर परिक्षेत्र की अधिकतर चीनी मिलों द्वारा ब्वायलर फायरिंग कर दी गयी है तथा 30 अक्टूबरए 2018 तक इन्डेन्ट जारी करते हुये दीपावली के पूर्व मिल संचालन कर दिया जायेगा।
मेरठ परिक्षेत्र की भी अधिकतर चीनी मिलों द्वारा एक अक्टूबर से ब्वायलर फायरिंग करते हुये अक्टूबर माह के अन्तिम सप्ताह में इन्डेन्ट जारी करते हुए नवम्बर माह के प्रथम सप्ताह तक मिल संचालन कर दिया जायेगा। मुरादाबाद परिक्षेत्र की अधिकतर चीनी मिलों द्वारा भी अक्टूबर के द्वितीय सप्ताह से ब्वायलर फायरिंग प्रारम्भ कर दी गई है व 30 अक्टूबर तक प्रथम इन्डेन्ट जारी करने की तिथि प्रदान की गई है तथा माह अक्टूबर के अन्तिम सप्ताह से मूहूर्त पूजन की तिथियों के साथ दीपावली के आस.पास मिल चलाना सुनिश्चित किया जायेगा।
बरेली परिक्षेत्र की अधिकतर चीनी मिलों द्वारा 10 अक्टूबर से ब्वायलर पूजन शुरू कर दिया गया है तथा 26 अक्टूबर से इन्डेन्ट जारी करना शुरू कर दिया जायेगा एवं नवम्बर में दीपावली पर्व के आस.पास पेराई कार्य प्रारम्भ कर दिया जायेगा। चीनी मिलें शीघ्र संचालित होने से गन्ना किसानों के पेड़ी गन्ने की समय से आपूर्ति होने के फलस्वरूप आगामी रबी फसलों की बुवाई हेतु खेत खाली हो सकेंगे तथा किसान अपनी इच्छानुसार विशेषकर गेहूं फसल की समय से बुआई कर पायेंगे। रबी फसलों की समय से बुवाई होने से उनका उत्पादन भी अच्छा होने से गन्ना किसानों की आमदनी दोगुना करने में सहायक सिद्ध होगा।