देहरादून/नयी दिल्ली, उत्तराखंड में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार में कई महत्वपूर्ण विभागों के मंत्री एवं बाजपुर से विधायक यशपाल आर्य ने अपने पुत्र एवं नैनीताल विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के विधायक संजीव के साथ सोमवार को नयी दिल्ली में कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण कर ली।
दोनों पिता-पुत्र के कांग्रेस में शामिल होने से खुशी का माहौल है जबकि भाजपा को करार झटका लगा है। इससे पहले भाजपा ने कांग्रेस के दलित विधायक राजकुमार और निर्दलीय विधायक प्रीतम पंवार को पार्टी में शामिल कर सनसनी फैला दी थी। अब कांग्रेस के इस राजनीतिक दांव से उत्तराखंड के राजनैतिक फलक की स्थिति बदल गयी है।
उल्लेखनीय है कि श्री यशपाल पूर्व में वर्ष 2002 से 2007 तक कांग्रेस सरकार में विधायक निर्वाचित होने के बाद विधानसभा अध्यक्ष बने। वर्ष 2007 में वह फिर विधायक निर्वाचित हुये और कैबिनेट मंत्री बने। वर्ष 2016 में अपनी ही सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाकर वह अन्य 09 विधायक के साथ भाजपा में शामिल हो गये।
राजनीतिक प्रेक्षकों के अनुसार, श्री आर्य पिछले लंबे समय से अपनी ही सरकार से नाखुश थे। बीते 25 सितम्बर को उनकी नाराजगी के कारण मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी उनके घर गये। इसके बावजूद श्री आर्य को समझाने में भाजपा के रणनीतिकारों को कोई सफलता नहीं मिली।
सोमवार को दिल्ली में कांग्रेस राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला, अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल और प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव की उपस्थिति में प्रेस वार्ता में यशपाल और संजीव आर्य ने पार्टी में वापसी की। इस दौरान नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह, प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत भी मौजूद रहे।