नैनीताल, उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने काशीपुर के ट्रांसपोर्ट वाहनों की फिटनेस यहां के बजाय रुद्रपुर में एक निजी कंपनी से कराये जाने के मामले को अव्यावहारिक बताते हुए परिवहन आयुक्त के आदेश पर शनिवार को रोक लगा दी।
न्यायमूर्ति संजय कुमार मिश्रा की एकलपीठ ने वाहन मालिकों की सुविधा को देखते हुए वाहनों की फिटनेस काशीपुर के सहायक संभागीय परिवहन कार्यालय (एआरटीओ) से कराये जाने के आदेश दिए हैं।
काशीपुर निवासी प्रवीण कुमार ने अपनी याचिका में कहा है कि प्रदेश के परिवहन आयुक्त कार्यालय ने गत पांच को काशीपुर और जसपुर के ट्रांसपोर्ट वाहनों की फिटनेस जांच रुद्रपुर स्थित लखनऊ की एक निजी कंपनी से करवाने के निर्देश जारी किये हैं। परिवहन आयुक्त का यह आदेश अव्यावहारिक और जनहित के विपरीत है। काशीपुर में एआरटीओ कार्यालय होने के बावजूद वाहनों को रुद्रपुर भेजा जा रहा है , जो कि धन और समय के हिसाब से अपेक्षाकृत अधिक खर्चीला और असुविधाजनक है। वाहनों को भी अपने परमिट क्षेत्र से बाहर जाना पड़ रहा है।
याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया है कि लखनऊ की इस कंपनी को निविदा आमंत्रित किये बिना ही ठेका दे दिया गया जो कि नियम विरुद्ध है। याचिका में काशीपुर स्थित एआरटीओ कार्यालय से फिटनेस प्रमाण पत्र जारी किए जाने संंबंधी मांग की है। न्यायालय ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 16 दिसम्बर की तिथि मुकर्रर की है।