लखनऊ, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी समेत छह वामदलों ने उत्तर प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव संयुक्त रूप से लड़ने का फैसला किया है। भाकपा, माकपा, भाकपा-माले, एसयूसीआई (सी), फारवर्ड ब्लाक तथा आरएसपी के राज्य नेतृत्व ने आज माकपा कार्यालय पर संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि वामपंथी दल चुनावों को भी जनता के मुद्दों पर आन्दोलन के रूप में ही लड़ते हैं। इस बार छह वामपंथी दलों ने उत्तर प्रदेश विधानसभा के आगामी चुनाव मैदान में मुद्दों के आधार पर संयुक्त रूप से उतरने का निश्चय किया है।
भाकपा के राज्य सचिव गिरीश ने कहा कि वामपंथी दल आगामी नौ नवम्बर को राजधानी लखनऊ में संयुक्त रैली का आयोजन करेंगे। उन्होंने कहा कि वामदल धर्मनिरपेक्ष तथा जनवादी ताकतों और आम मतदाताओं से आग्रह करेंगे कि वे प्रदेश को दुर्दशा के हालातों में पहुंचाने वाले, मुद्दाविहीन राजनीति करने वाले, पूंजीवादी, जातिवादी, साम्प्रदायिक और जनविरोधी दलों को परास्त करें और वामपंथ को मजबूत करें। मुद्दों पर आधारित राजनीति ही प्रदेश को मौजूदा दलदल, दल-बदल और धनबल से उबार सकती है। भाकपा-माले के अरुण कुमार ने इस मौके पर कहा कि आज यहां सम्पन्न वामदलों की संयुक्त बैठक का निष्कर्ष है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ द्वारा नियंत्रित केन्द्र की सरकार पूरी तरह पूंजीपतियों के हित में और आमजनों के हितों के विरुद्ध काम कर रही है। उत्तर प्रदेश की सपा सरकार भी अपने घोर जनविरोधी एजेण्डे पर चलने के कारण हर मोर्चे पर पूरी तरह विफल रही है।