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एमसीसी के नए कानून से नॉन स्ट्राइकर को रनआउट करना होगा सहज

लंदन, अगर दो बल्लेबाज़ों ने एक कैच को पकड़े जाने के दौरान भले ही स्ट्राइक को बदल लिया हो लेकिन अब नया बल्लेबाज़ ही स्ट्राइक लेगा। एमसीसी के नए कानून से नॉन स्ट्राइकर को रनआउट करना होगा सहज। साथ ही अगर कोई गेंदबाज़ गेंद को चमकाने के लिए अपनी लार का प्रयोग करता है तो उस पर बैन लगा दिया जाएगा। एमसीसी के द्वारा बदलाव किए गए ये नियम इस साल के अंत से लागू होंगे।

एमसीसी द्वारा पारित किए गए नए नियमों के अनुसार अगर कोई बल्लेबाज़ शफल करता हुआ ऑफ़ स्टंप के बाहर जाता है या फिर रूम बनाने का प्रयास करते हुए लेग स्टंप के बाहर चला जाता है, तो गेंद के वाइड होने या ना होने के लिए भी नए नियम बनाए गए हैं। इसके अलावा अगर कोई फ़ील्डर ग़लत तरीके से एक जगह से दूसरी जगह पर जाता है तो बल्लेबाज़ी करने वाली टीम को पेनल्टी रन मिलेंगे।

कैच आउट होने पर नया खिलाड़ी लेगा स्ट्राइक लेगा: पहले अगर कोई बल्लेबाज़ कैच आउट होता था और दोनों बल्लेबाज़ एक-दूसरे को क्रॉस कर जाते थे तो नए बल्लेबाज़ को नॉन स्ट्राइक पर जाना होता था। अब इस नियम में बदलाव किए गए हैं। किसी खिलाड़ी के कैच आउट होने के बाद स्ट्राइक पर हमेशा ही नया बल्लेबाज़ ही होगा। गेंदबाज़ों को विकेट लेने के लिए पुरस्कृत करने की मंशा से इस नियम में बदलाव किया गया है। इस नियम का पहली बार द हंड्रेड लीग में ट्रायल भी किया गया था।

नियम संख्या 41:अगर कोई गेंदबाज़ अपने गेंद फेंकने से पहले नॉन स्ट्राइक पर खड़े खिलाड़ी रन आउट कर देता है तो इसे पहले क्रिकेट के नियम संख्या 41 के अनुसार खेल भावना के विरूद्ध माना जाता था। एमसीसी ने इस नियम में भी बदलाव करते हुए यह कहा है कि अब इसे नियम संख्या 38, यानी रन आउट के तहत रखा जाएगा।

एमसीसी के कानून प्रबंधक फ्रेज़र स्टुवर्ट ने कहा, “गेंदबाज़ को हमेशा खलनायक के रूप में चित्रित किया जाता है, लेकिन यह किसी को आउट करने का एक वैध तरीका है। ख़ास कर के तब जब कोई नॉन स्ट्राइक बल्लेबाज़ गेंद फेंकने से पहले ही क्रीज़ के बाहर निकल जा रहा है और विकेटों के बीच की दूरी को कम कर ले रहा है।अब अगर गेंदबाज़ किसी नॉन स्ट्राइक बल्लेबाज़ को रन आउट कर देता है तो यह वैध है। यह एक रन आउट है और इसलिए इसे रन आउट वाले कानूनी सेक्शन में रहना चाहिए।”

लार के प्रयोग पर लगेगा प्रतिबंध: कोविड काल के दौरान ही लार या थूक लगा कर गेंद को चमकाने के लिए मना किया गया था। खिलाड़ी गेंद को अपनी पसीने से ही गेंद को चमकाने का प्रयास कर रहे थे और यह कारगर भी था। एमसीसी द्वारा बनाए गए नए नियमों के अनुसार अब अगर कोई गेंदबाज़ गेंद को चमकाने के लिए लार या थूक का प्रयोग करता है तो उसे अवैध माना जाएगा। कोविड काल के दौरान जब गेंदबाज़ों ने लार का प्रयोग नहीं किया था तब एमसीसी के रिसर्च के अनुसार गेंदबाज़ो के लिए गेंद को स्विंंग कराने की क्षमता पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा था।

नियम संख्या 22.1 में बदलाव: नए नियम के मुताबिक अगर कोई बल्लेबाज़ शफ़ल करता है या फिर रूम बनाने के प्रयास में लेग स्टंप के बाहर जाता है तो वाइड उसी के अनुसार तय किया जाएगा। ऐसे में वाइ़ड तय करने के नए नियम के हिसाब से बल्लेबाज़ अगर अपने क्रीज़ में चहलकदमी करेंगे तो गेंदबाज़ों को गेंद को वाइड दिए या ना दिए जाने के संदर्भ में थोड़ी राहत मिलेगी।

कानूनों के अपडेट आमतौर पर पूरे खेल में अंतर्राष्ट्रीय स्तर से क्लब स्तर तक शामिल और लागू किए जाते हैं। हालांकि दुनिया भर के गवर्निंग बॉडी प्रतिस्पर्धा-विशिष्ट खेल स्थितियों के संदर्भ में अवांछित परिवर्तनों को अनदेखा करने की भी क्षमता रखते हैं।

स्टुवर्ट ने एमसीसी की विज्ञप्ति में कहा, “क्रिकेट के नियमों की 2017 संहिता के प्रकाशन के बाद से, खेल कई मायनों में बदल गया है।” “उस कोड का दूसरा संस्करण, 2019 में प्रकाशित हुआ। हालांकि उस संस्करण में मामूली संशोधन थे, लेकिन 2022 कोड कुछ बड़े बदलाव किए गए हैं। यह महत्वपूर्ण है कि हम खेल के प्रति क्लब की वैश्विक प्रतिबद्धता के हिस्से के रूप में इन परिवर्तनों की घोषणा करें, दुनिया भर के अधिकारियों को अक्तूबर में लागू होने वाले कानूनों से पहले नए नियमों समझने और सीखने का समय दे।”