नयी दिल्ली, एम्प्लॉयबिलिटी डॉट लाइफ ने आस्ट्रेलिया की फेडरेशन यूनिवर्सिटी के साथ मिल कर रोजगार बाजार की भविष्य की अवश्यकताओं के अनुसार युवाओं को शिक्षित-प्रशिक्षित करने के केंद्र चलाने के लिये भारत के सात विश्वविद्यालयों का चयन किया है।
कंपनी की शुक्रवार को जारी एक विज्ञप्ति के अनुसार यह कार्यक्रम अपनी तरह का पहला कार्यक्रम है और यह उद्योगों की मांग के अनुरूप विद्यार्थियों की रोजगार क्षमता बढ़ाने के लिये कौशल-आधारित प्रशिक्षण कार्यक्रम पेश करता है।
इस कार्यक्रम में भाग लेने वाले विश्वविद्यालयों में चंडीगढ़ विश्वविद्यालय, लैमरिन टेक
स्किल्स यूनिवर्सिटी (पंजाब), एमजीएम इंजीनियरिंग इंस्टीट्यूट (मुंबई), भगिनी निवेदिता विश्वविद्यालय (कोलकाता), गार्डन सिटी यूनिवर्सिटी (बेंगलुरु), नरगुंड ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन (एनजीआई) (बेंगलुरु), और मलनाड कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग (एमसीई) (हसन) हैं।
ये विश्वविद्यालय ऑस्ट्रेलिया की फेडरेशन यूनिवर्सिटी एवं एम्प्लॉयबिलिटी डॉट लाइफ के साथ मिलकर इंडस्ट्रीज की जरूरतों को पूरा करने के लिये उनके अनुरूप पाठ्यक्रम बनायेंगे तथा इसके परिचालन के लिये सामूहिक संसाधनों और विशेषज्ञता का लाभ उठायेंगे।
एम्प्लॉयबिलिटी डॉट लाइफ के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ मनीष मल्होत्रा ने इस मौके
पर कहा कि फेडरेशन यूनिवर्सिटी और एम्प्लॉयबिलिटी डॉट लाइफ की यह साझेदारी भारत के अतिरिक्त ऑस्ट्रेलियाई शिक्षण संस्थाओं को भी आगे आने के लिये प्रेरित कर रही है। उन्होंने कहा कि आज भारत दुनिया भर में सबसे ज्यादा उच्च शिक्षित और प्रशिक्षित प्रतिभाशाली लोगों का देश है और इस प्रतिभा को और अधिक ढंग से तराशने का काम एम्प्लॉयबिलिटी डॉट लाइफ कर रही है।
ऑस्ट्रेलिया की फेडरेशन यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रोफेसर डंकन बेंटले ने इस अवसर पर अपने संबोधन में भारत को विश्व की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बताया। प्रोफेसर डंकन ने कहा कि आज ये एक सच्चाई है की पारंपरिक शिक्षा मॉडल में अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाबजूद भी बहुत सारे विद्यार्थी किसी कार्यस्थल पर नौकरी करने के लिये सम्पूर्ण रूप से तैयार नहीं होते। फेडरेशन यूनिवर्सिटी का उद्देश्य भारत में एम्प्लॉयबिलिटी डॉट लाइफ के साथ मिलकर शिक्षा और रोजगार के इस खाली स्थान को भरना है।