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कमीशन देकर बैंकों से नोट बदलवाने का खेल शुरू

bankलखनऊ,  पांच सौ और एक हजार रुपये के नोट बदलने के लिए पिछले पांच दिनों से बैंकों और एटीएम पर लग रही लम्बी लाइन के पीछे गहरा राज भी छुपा हुआ है।

कुछ बड़े व्यापारी और हवाला कारोबार करने वाले वर्ग विशेष के गरीब युवाओं, महिलाओं और लेबर मंडी के मजदूरों को कमीशन देकर अलसुबह ही बैंकों के बाहर लाइन लगवा दे रहे हैं। इन गरीब लोगो कों पांच छह घंटे लाइन में लगने के बदले चार पांच सौ रूपया और नाश्ता पानी भी मिल रहा है।

गरीब युवा मोहरा बन कर अपने पहचान पत्र पर चलन से बाहर बड़े नोट को बदलने में उनकी मदद कर रहे है। उसकी तस्कीद अब बैंको के आसपास के दुकानदारो के साथ बैंककर्मी भी कर रहे है। इनके चक्कर में सही लोग भी घंटों लाइन में खड़े होने का जलालत झेल रहे है। मंगलवार को कई जगहो पर जब जाने पहचाने चेहरो को लोगो ने देखा तो पुछताछ शुरू करने पर कतारबद्ध युवक गोलमोल जबाब देकर वहां से निकल गये।

वैसे कुछ बड़े व्यापारी और जिनके घर में मांगलिक आयोजन है बैंको में लग रही लम्बी लाइन को देख अपने कर्मचारियो को समय बचाने के लिए कतारबद्ध करवा रहे है। नम्बर आने पर खुद वहां पहुंचकर नोट बदल रहे हैं  फूलपुर थाना क्षेत्र के पिंडरा स्थित बैंक ऑफ बड़ौदा की शाखा में बीते रविवार को साढ़े चार लाख रुपये छोड़कर भागनेवाली तीन महिलाओं के भागने के बाद लम्बी लाइन का सच सामने आने लगा है। इस मामले में तीनो महिलाओं की पहचान गीता देवी, ज्ञांती व देवी होने के बाद उनके खिलाफ आईपीसी की धारा 419, 420 व 511 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। तीनों फूलपुर थाना क्षेत्र के रामपुर (सुखदेवपुर) की रहनेवाली हैं। पुलिस उनकी गिरफ्तारी के लिए दबिश दे रही है। आशंका है कि क्षेत्र के किसी धनाढ्य की काली कमाई को यह अपने खाते में जमा करने के लिए गई थीं। बैक के पिंडरा शाखा प्रबंधक संतोष कुमार के अनुसार रामपुर की ज्ञांती, गीता व देवी साढ़े चार लाख रुपये लेकर रविवार को बैंक में जमा करने पहुंची। तीनों का जनधन योजना के तहत खाता खुला था। डेढ़-डेढ़ लाख रुपये वह अपने खाते में जमा करना चाहती थीं। कैशियर ने जब रुपयों के बारे में पूछा और आधार कार्ड मांगा तो तीनों सकपका गईं और कार्ड लेकर आने की बात कहकर चंपत हो गई। काफी देर तक इंतजार के बाद भी वह तीनों नहीं लौटी। शंका होने पर बैंककर्मियों ने पुलिस को सूचना दी। इस संबंध में थानाध्यक्ष फूलपुर बृजेश मिश्रा ने बताया कि प्रारम्भिक जांच में यह बात सामने आयी है कि क्षेत्र के ही एक धनाढ्य व्यक्ति के काले धन को तीनों अपने खाते में जमा करने गई थी। तीनों सामान्य खेतिहर परिवार की हैं। बैंको में भी हो रहा खेल: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के काला धन के खिलाफ सर्जिकल स्ट्राइक के बाद नम्बर दो का कारोबार करने वालो के साथ कुछ बेंक शाखाओ के प्रबन्धक और कर्मचारी भी मिल हुए है। सूत्र बताते है कि 20 फीसदी कमीशन पर बैंक कर्मी यह खेल कर रहे है। बैको में लग रही लम्बी लाइन में बड़े कारोबारियों और उनके परिजनों को न देख लोग आशंका जता रहे हैं। चर्चा है कि बैंक अफसरो को पहले से ही फोन कर नोट बदल लिया जा रहा है। मैदागिन के विकास यादव पंकज अग्रहरि पटरी कारोबारी बच्चा साव दिनेश साव का आरोप था कि लगभग हर बैंक में बड़े खाताधारक और व्यापारियो का इन शाखाओ में तैनात अफसरो से लेकर कर्मचारियो तक अच्छा सम्बन्ध खिला पिलाकर बना रहता है। त्यौहारो पर ये व्यापारी इन अफसरो के यहां महंगे तोहफे भी भेजवाते है इन लोगो के रूपयो को आराम से बैको में कमीशन लेकर बदला जा रहा है। बैंक में रूपया रहने के बावजूद आमजन को घंटों लाइन में रहने पर कभी कैश खत्म होने तो कभी सर्वर डाउन होने का बहाना कर कतार में खड़े होने के लिए मजबूर किया जा रहा है।

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