कर्मचारियों के पद व वेतनमान को लेकर, विभागों के रवैये पर हाईकोर्ट का एतिहासिक फैसला…
November 15, 2017
इलाहाबाद ,सरकारी कर्मचारियों के पद और वेतनमान को लेकर विभागों की मनमानी पर हाईकोर्ट ने एतिहासिक फैसला दिया है। इससे विभागों के मनमाने रवैये पर रोक लगेगी।
इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने कहा है कि यदि कोई कर्मचारी किसी वजह से पद कार्य के लिए अक्षम हो जाता है तो विभाग कम वेतनमान पर दूसरी सेवा में नहीं बल्कि उसी वेतनमान पर उसे दूसरे पद पर रखा जा सकता है।
न्यायालय ने रैंक से छोटे पद पर कार्य देकर कम वेतन देने पर रेलवे पर 50 हजार हर्जाना लगाया है तथा कर्मचारी को उसके मूल वेतनमान के साथ समान पद पर तैनात करने का निर्देश दिया है। साथ ही बकाया वेतन सात फीसदी ब्याज के साथ एक माह में भुगतान करने का निर्देश दिया है।
न्यायमूर्ति भारती सपू्र तथा न्यायमूर्ति सिद्धार्थ की खण्डपीठ ने केन्द्र सरकार की याचिका को खारिज करते हुए यह आदेश दिया। केन्द्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण ने एसण्क्यू अहमद रेलवे कर्मचारी को राहत देते हुए कहा था कि कम वेतनमान पर नियुक्ति गलत है। उसे पद के समान वेतन पर दूसरे विभाग में रखा जाय।
इस आदेश को चुनौती दी गयी थी। विपक्षी कर्मचारी की आंख की कमजोरी के कारण विभाग में दूसरे पद पर कम वेतन पर तैनात किया, जिसे कैट में चुनौती दी गयी। कर्मचारी का कहना था कि सेवाकाल में अक्षमता आने पर कर्मचारी को समान वेतनमान पर दूसरे कार्य के लिए नियुक्त किया जा सकता है। इसलिए रेलवे उसे कम वेतन पर दूसरे काम के लिए नियुक्त नहीं कर सकते।
न्यायालय ने कहा कि कम वेतन देने से न केवल कर्मचारी के जीवन स्तर पर प्रभाव पड़ेगा बल्कि उसका परिवार भी प्रभावित होगा। ऐेसे में अक्षमकर्मी को कम वेतन पर नियुक्ति नहीं दी जा सकती।