भदोही, हिंदू नव वर्ष में 14 अप्रैल से खूब शहनाइयां बजेंगी। एक माह से चल रहे खरमास की समाप्ति के बाद मांगलिक कार्यों के लिए शुभ मुहूर्त प्रारंभ हो जाएंगे।
आचार्य पंडित दीनानाथ शास्त्री ने बताया कि हिंदू पंचांग के अनुसार इस माह में विवाह के लिए शुभ मुहूर्त 18, 19, 20, 21, 22, 23, 26 व 28 अप्रैल मिल रहा है। विवाह के लिए गुरु और शुक्र का उदय होना अनिवार्य है। इसके बाद 29 अप्रैल को शुक्र अस्त हो जाएंगे। शुक्र गुरु के अस्त होने के बाद मांगलिक कार्यक्रमों पर विराम लग जाएगा। ऐसी स्थिति में मई और जून महीने में शादी विवाह के लिए लग्न मुहूर्त नहीं रहेंगे। पुनः 3 जून को गुरु एवं 28 जून को शुक्र का उदय होगा इसके बाद जुलाई में शादी विवाह के मुहूर्त मिलेंगे।
विवाह के मुहूर्त के विषय में पंडित का कहना है कि विवाह मुहूर्त में नक्षत्र बल प्राप्त होता है। भद्रा न हो तथा देर रात तक लग्न सीमित न हो वही लग्न श्रेष्ठ मानी जाती है,वर-वधू के उज्जवल भविष्य के लिए दोनों के कुंडलियों का मिलान आवश्यक होता है। भावी दंपति के खुशहाल जीवन के लिए राशि मैत्री, गण नाड़ी आदि मिलना आवश्यक होता है। इसके मिलने से शुभ मुहूर्त बनता है।