इस्लामाबाद, कश्मीर को लेकर चल रहे वाक् युद्ध के बीच पाकिस्तान ने कहा है कि कश्मीर के भविष्य को लेकर कोई भी फैसला सिर्फ कश्मीरियों के द्वारा ही किया जाएगा। गौरतलब है कि नयी दिल्ली ने दो दिन पहले ही स्पष्ट किया है कि जम्मू-कश्मीर भारत का है और वह कभी भी पाकिस्तान का हिस्सा नहीं बनेगा। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज द्वारा शुक्रवार को दिए गए बयान कि पूरा जम्मू-कश्मीर भारत का है और वह कभी पाकिस्तान का हिस्सा नहीं बनेगा, पर प्रतिक्रिया देते हुए विदेश मामलों पर पाकिस्तानी प्रधानमंत्री के सलाहकार सरताज अजीज ने कहा, कश्मीर के भविष्य पर ऐसा फैसला सिर्फ कश्मीर के लोग सुना सकते हैं, ना कि भारत की विदेश मंत्री। मामले में अपने पक्ष को मजबूत बनाने का प्रयास करते हुए अजीज ने कहा, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् ने कश्मीर के लोगों को इस अधिकार का वादा किया है। वक्त आ गया है कि भारत अब जम्मू-कश्मीर के लोगों को संयुक्त राष्ट्र की निगरानी में स्वतंत्र और निष्पक्ष तरीके से जनमत संग्रह के अधिकार का प्रयोग करने दे। एक बार कश्मीर के लोग बहुमत से पाकिस्तान या भारत में शामिल होने का फैसला कर लें, पूरी दुनिया कश्मीरियों के इस फैसले को स्वीकार कर लेगी। सुषमा ने प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के उस बयान का भी विरोध किया था जिसमें उन्होंने बुरहान वानी को शहीद बताया। सुषमा ने कहा, भारत के लिए वह वांछित आतंकवादी था। सरताज अजीज ने टिप्पणी की, यहां फिर से भारत इस तथ्य को नजरअंदाज नहीं कर सकता है कि भारत अधिकृत कश्मीर में 50 से ज्यादा जगहों पर 2,00,000 से ज्यादा कश्मीरियों ने बुरहान मुजफ्फर वानी के जनाजे की नमाज में हिस्सा लिया था। यह घाटी में कर्फ्यू लगने के बावजूद हुआ और आठ जुलाई, 2016 को वानी की न्यायेत्तर हत्या के 15 दिन बाद, अभी भी जारी है। उन्होंने कहा, यह नहीं भूलना चाहिए कि, जैसा कि एक भारतीय लेखक हमें याद दिलाते हैं, ज्यादा वक्त नहीं हुआ जब ब्रिटिश ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के सिपाहियों को विश्वासघाती और आतंकवादी कहा था, क्योंकि उस वक्त भारत को ब्रिटिश साम्राज्य का हिस्सा माना जाता था। उन्होंने कहा, स्व-निर्णय के कश्मीरी आंदोलन तथा कश्मीर पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् के संबंधित प्रस्तावों के आधार पर कश्मीर मुद्दा हल करने के आंदोलन का (पाकिस्तान की) सरकार और पाकिस्तान की जनता पूर्ण रूप से नैतिक, राजनयिक और राजनीतिक समर्थन करती है। अजीज ने कहा, पाकिस्तान संयुक्त राष्ट्र, अंतरराष्ट्रीय समुदाय और मानवाधिकार संगठन से अनुरोध करता है कि वह भारत अधिकृत कश्मीर में मासूम और निस्सहाय कश्मीरियों के खिलाफ भारतीय अत्याचार रोकने में अपनी भूमिका निभाएं। यहां तक कि भारत में भी विवेकशील लोगों ने भारत अधिकृत कश्मीर में भारतीय बलों द्वारा की जा रही क्रूरता तथा आतंक के शासन पर चिंता जतायी है।