नई दिल्ली, पश्चिमी उत्तर प्रदेश में खासा आधार रखने वाला राष्ट्रीय लोकदल अकेले चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहा है। बताया जा रहा है कि बुधवार को कांग्रेस और रालोद नेताओं के बीच हुई बैठक बेनतीजा रही। इस बैठक में रालोद की ओर से जयंत चौधरी और कांग्रेस की ओर से प्रियंका गांधी वाड्रा और गुलाम नबी आजाद मौजूद थे। समाजवादी पार्टी ने कांग्रेस को जितनी सीटें दी हैं उसमें से कांग्रेस 21 सीटें रालोद के लिए छोड़ने को तैयार है जबकि रालोद की मांग 36 सीटों की है। हालांकि रालोद को मनाने के प्रयास अंतिम समय में भी जारी हैं क्योंकि महागठबंधन का ऐलान आज संभव है।
सूत्रों के अनुसार बैठक में जयंत चौधरी ने तर्क पेश किया कि 2012 के विधानसभा चुनावों में रालोद 9 सीटों पर विजयी रही थी और 12 सीटों पर उसके उम्मीदवार दूसरे नंबर पर रहे थे ऐसे में 21 सीटों पर तो उसकी दावेदारी पहले ही है। रालोद पश्चिमी क्षेत्र से ही 15 सीटें और चाहती है। दूसरी ओर कांग्रेस की मुश्किल यह है कि उसे पहले ही सपा से गठबंधन करने के चलते अपने कार्यकर्ताओं का विरोध झेलना पड़ रहा है ऐसे में रालोद के लिए और सीटें छोड़ने से उसकी मुश्किलें और बढ़ सकती हैं। रालोद जिन सीटों पर दावा ठोंक रही है उनमें जेवर, मोदीनगर, मुरादनगर, शामली, बागपत, छपरौली, बड़ौत, मुजफ्फरनगर की बुढ़ाना, खतौली मीरापुर, बिजनौर की स्योहारा, सहरानपुर की नकुड़, हापुड़, गढ़मुक्तेश्वर, अमरोहा की नौगांवा सादात, मुरादाबाद में बिलारी और कांठ, संभल में कुंदरकी, बुलंदशहर की अनूपशहर सीट और शिकारपुर, सिकंदराबाद आदि प्रमुख हैं।