नैनीताल, उत्तराखंड के कुमाऊं मंडल में मंगलवार रात से हो रही भारी बरसात का असर ग्रामीण क्षेत्रों पर पड़ा है। नैनीताल के कोटाबाग में जहां बादल फटने से चार दर्जन मकानों और गौशाला में मलबा घुसने की सूचना है वहीं भूस्खलन के चलते पहाड़ों में 59 सड़कें अवरूद्ध हैं। चीन सीमा को जोड़ने वाले तीन बार्डर मार्ग भी बंद पड़े हैं।
मिली जानकारी के अनुसार कोटाबाग के ओखलढूंगा में बादल फटने से चार दर्जन से अधिक घर और गौशाला पानी और मलबा की चपेट में आ गये। प्रशासन ने प्रभावित परिवारों को विस्थापित कर दिया है। फसलों को भी नुकसान की सूचना है।
इसके साथ ही जनपद में 25 सड़कें अवरूद्ध हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में सबसे अधिक 19 मार्ग मलबा आने के चलते बंद हैं जबकि जिले में पांच राज मार्ग भी भूस्खलन की चपेट में आ गये हैं और यहां आवाजाही बंद है।
अतिवृष्टि का असर पिथौरागढ़ जिले के ऊंचाई वाले इलाके में भी पड़ा है। यहां घटियाबगड़-लिपूलेख बार्डर रोड बंद होने से पहले से ही चीन सीमा से संपर्क कटा हुआ था और अब पिथौरागढ़-तवाघाट, तवाघाट-सोबला बार्डर मांर्ग बंद होने से चीन सीमा से सटे गांवों से भी संपर्क कट गया है।
यहां कुल 19 सड़कें अवरूद्ध हैं। पिथौरागढ़ में काली नदी का जलस्तर खतरे के निशान से कुछ नीचे बह रहा है। यह हालांकि पिछले कई दिनों से चेतावनी के स्तर से 889 से 889.30 बना हुआ है। प्रशासन की ओर से चेतावनी जारी की गयी है।
इसी प्रकार बागेश्वर में भी भूस्खलन के चलते एक जिला मार्ग समेत कुल 13 ग्रामीण बाधित हैं। यहां गोमती और सरयू नदी का जलस्तर में वृद्धि हुई है। अल्मोड़ा में दो गामीण मार्ग बंद पड़े हैं।