बीते सप्ताह बीएसई का तीस शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 428.87 अंक अर्थात 0.6 प्रतिशत की गिरावट लेकर सप्ताहांत पर 76190.46 अंक पर आ गया। साथ ही नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी 111 अंक यानी 0.5 प्रतिशत लुढ़ककर 23092.20 अंक पर रहा।
समीक्षाधीन सप्ताह में बीएसई की दिग्गज कंपनियों के मुकाबले मझौली और छोटी कंपनियों के शेयरों में अधिक बिकवाली हुई। इससे मिडकैप 1045.6 अंक अर्थात 2.4 प्रतिशत लुढ़ककर सप्ताहांत पर 42715.63 अंक और स्मॉलकैप 2203.8 अंक यानी 4.2 प्रतिशत का गोता लगाकर 50107.51 अंक पर बंद हुआ।
विश्लेषकों के अनुसार, बिकवाली हावी रहने से सप्ताह के अंत में बाजार में निराशा छाई रही। ब्याज दरों में कटौती की संभावनाएं घटने और कमजोर औद्योगिक आंकड़ों ने निवेशकों को सतर्क कर दिया, जिससे रियल्टी क्षेत्र का प्रदर्शन सबसे खराब रहा। पीएमआई आंकड़ा भी अपेक्षाओं से कमतर साबित हुआ। हालांकि, आईटी क्षेत्र के स्थिर परिणाम और विवेकाधीन खर्च में सुधार के शुरुआती संकेत कुछ राहत प्रदान करते हैं।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की आर्थिक नीतियों और ऊंचे मूल्यांकन को लेकर अनिश्चितता अल्पकाल में शेयर बाजार खासतौर पर उभरते बाजारों पर दबाव डाल सकती है। तीसरी तिमाही के नतीजे अपेक्षा के अनुरूप रहे लेकिन वे बाजार में सुधार लाने में नाकाम रहे क्योंकि बाजार बिकवाली के रुझान का अनुसरण कर रहा है।
अगले सप्ताह 28 से 29 जनवरी को अमेरिकी फेडरल रिजर्व की ओपेन मार्केट कमेटी (एफओएमसी) की होने वाली बैठक और स्थानीय स्तर पर संसद में पेश होने वाले केंद्रीय बजट जैसी प्रमुख कारक निवेश धारणा पर गहरा प्रभाव डालेंगी। हालांकि एफओएमसी ने अब तक आक्रामक रुख बनाए रखा है। साथ ही श्री ट्रंप द्वारा ब्याज दरों में कटौती पर जोर देने से भविष्य के लिए सकारात्मक संकेत मिल सकते हैं।
केंद्रीय बजट को लेकर उम्मीदें सीमित हैं लेकिन बिना किसी नकारात्मक आश्चर्य के इसके समाप्त होने से बाजार की चिंताएं कम हो सकती हैं। व्यापक बाजार दबाव में है लेकिन लार्जकैप शेयरों का स्थायित्व सकारात्मक संकेत दे रहा है। भारतीय बाजार पहले भी ऐसी चुनौतियों का सफलतापूर्वक सामना कर चुका है, चाहे वह टेपर टैंट्रम हो या भू-राजनीतिक चिंताएं।
वर्तमान सुधार कई कारकों का परिणाम है, जिनमें टेपरिंग, आय में मंदी, ऊंचे मूल्यांकन और व्यापारिक अनिश्चितताएं शामिल हैं। हमारा मानना है कि बाजार अब समेकन के अंतिम चरण में है। व्यापक बाजार में 14 प्रतिशत तक सुधार देखने के बाद मजबूत दीर्घकालिक आर्थिक बुनियादों के कारण गिरावट सीमित प्रतीत होती है।
वित्त वर्ष 2025 में भारत की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि 6.4 प्रतिशत से बढ़कर वित्त वर्ष 2026 में सात प्रतिशत तक तक पहुंचने का अनुमान है। यदि आय वृद्धि वित्त वर्ष 2026 में 15 प्रतिशत के दीर्घकालिक औसत तक लौटती है तो बाजार नकारात्मक प्रवृत्ति से बाहर आ सकता है। दीर्घकालिक निवेशकों के लिए यह धैर्य बनाए रखने और संचय रणनीति अपनाने का सही समय हो सकता है।
बीते सप्ताह घरेलू शेयर बाजार में तीन दिन तेजी जबकि दो दिन गिरावट रही। अमेरिका में डोनाल्ड ट्रम्प के राष्ट्रपति पद के दूसरे कार्यकाल के पहले घंटों में संभावित नीतिगत घोषणाओं की प्रतीक्षा और जापान में ब्याज दरों में बढ़ोतरी की उम्मीद में विश्व बाजार के सकारात्मक रुख से उत्साहित निवेशकों की स्थानीय स्तर पर विप्रो और कोटक महिंद्रा बैंक की उम्मीद से अधिक मजबूत तमाही नतीजे की बदौलत हुई चौतरफा लिवाली से सोमवार को सेंसेक्स 454.11 अंक की छलांग लगाकर 77,073.44 अंक तथा निफ्टी 141.55 अंक की मजबूती के साथ 23,344.75 अंक पर पहुंच गया।
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के शपथ ग्रहण करने के साथ ही कनाडा और मेक्सिको के लिए व्यापार शुल्क में 25 फ़ीसदी तक की बढ़ोतरी करने की घोषणा से घबराए निवेशकों की स्थानीय स्तर पर जोमैटो, एनटीपीसी, अडानी पोर्ट्स, आईसीआईसीआई बैंक, एसबीआई और रिलायंस समेत 27 दिग्गज कंपनियों में क़रीब 11 प्रतिशत तक की गिरावट से मंगलवार को शेयर बाजार में हाहाकार मच गया। सेंसेक्स 1235.08 अंक का गोता लगाकर साढ़े सात महीने के निचले स्तर 75,838.36 अंक और निफ्टी 320.10 अंक लुढ़ककर 23,024.65 अंक पर बंद हुआ।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नई नीतियों और मजबूत कॉर्पोरेट आय के कारण निवेशकों में आशावाद बढ़ने से वैश्विक बाजारों में आई तेजी की बदौलत स्थानीय स्तर पर इंफोसिस, टीसीएस, टेक महिंद्रा और एचसीएल टेक समेत 21 दिग्गज कंपनियों में हुई दमदार लिवाली से बुधवार को सेंसेक्स 566.63 अंक की तेजी के साथ 76,404.99 अंक और निफ्टी 130.70 अंक की छलांग लगाकर 23,155.35 अंक हो गया।
विश्व बाजार के मिलेजुले रुख के बीच स्थानीय स्तर पर कमोडिटीज, आईटी, टेक, फोकस्ड आईटी और कंज्यूमर ड्यूरेबल्स समेत अठारह समूहों में हुई लिवाली की बदौलत गुरुवार को सेंसेक्स 115.39 अंक की बढ़ोतरी लेकर 76,520.38 अंक और निफ्टी 50.00 अंक मजबूत होकर 23,205.35 अंक पर पहुंच गया। वहीं, विश्व बाजार के मिलेजुले रुख के बीच स्थानीय स्तर पर कंपनियों के चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही के नतीजों को लेकर बनी चिंता में निवेशकों की चौतरफा बिकवाली से शुक्रवार को सेंसेक्स 329.92 अंक की गिरावट लेकर 76,190.46 अंक और निफ्टी 113.15 अंक टूटकर 23,092.20 अंक रह गया।