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केंद्रीय विद्यालयों में शिक्षकों के, एक चौथाई पद खाली

इंदौर,  देशभर में फैले 1,100 से ज्यादा केंद्रीय विद्यालयों में शिक्षकों की कमी की समस्या बरकरार है। इन प्रतिष्ठित सरकारी स्कूलों में प्राथमिक स्तर से लेकर उच्चतर माध्यमिक स्तर तक शिक्षकों के करीब 23 प्रतिशत स्वीकृत पद खाली पड़े हैं। सूचना के अधिकार (आरटीआई) से  यह पता चला है।

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 मध्य प्रदेश के नीमच निवासी सामाजिक कार्यकर्ता चंद्रशेखर गौड़ ने आज बताया कि उनकी आरटीआई अर्जी के जवाब में केंद्रीय विद्यालय संगठन (केवीएस) ने 31 मार्च तक की स्थिति के मुताबिक यह जानकारी दी है। केंद्र सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्रालय के तहत आने वाला केवीएस देशभर में केंद्रीय विद्यालयों का संचालन करता है।

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 केवीएस की ओर से गौड़ को भेजे जवाब में बताया गया कि केंद्रीय विद्यालयों में प्राथमिक स्तर से लेकर उच्चतर माध्यमिक स्तर तक शिक्षकों के कुल 42,640 पद स्वीकृत हैं। लेकिन इनमें से 32,891 पदों पर ही शिक्षक कार्यरत हैं और शेष 9,749 पद खाली पड़े हैं। यानी इन विद्यालयों में शिक्षकों के करीब 23 प्रतिशत स्वीकृत पद रिक्त हैं।

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 केवीएस ने आरटीआई अर्जी के जवाब में बताया कि केंद्रीय विद्यालयों में प्राइमरी अध्यापकों (पीआरटी) के 14,946 पद स्वीकृत हैं जिनमें से 11,322 पदों पर शिक्षक कार्य कर रहे हैं और शेष 3,624 पद खाली पड़े हैं। केंद्रीय विद्यालयों में प्रशिक्षित स्नातक शिक्षक (टीजीटी) के 17,298 स्वीकृत पदों के मुकाबले 13,269 पदों पर अध्यापकों की नियुक्ति की गयी है और शेष 4,029 पद खाली पड़े हैं। केंद्रीय विद्यालयों में परास्नातक शिक्षक (पीजीटी) के 10,396 पद स्वीकृत हैं। लेकिन इन पदों पर 8,300 अध्यापक ही नौकरी कर रहे हैं और शेष 2,096 पद खाली पड़े हैं।

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